पानी शुद्धता की जांच नियमित रूप से किया जाए : डाॅ. आलोक शुक्ला

00 स्वास्थ्य सचिव ने बैठक लेकर संबंधित अधिकारियों को दिए निर्देंश


रायपुर । स्वास्थ्य सचिव ने आज कलेक्टोरेट के रेडक्राॅस सभाकक्ष में वर्षा पूर्व दूषित पानी से होने वाले बीमारियों से बचने के लिए किए जाने वाले तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर सौरभ कुमार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डाॅ. प्रियंका शुक्ला, नगर निगम आयुक्त प्रभात मलिक, संचालक आपदा नियंत्रण डाॅ. सुभाष मिश्रा सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।


स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि वर्षा काल में डायरिया, पीलिया, टाइफाइड जैसे बीमारियां दूषित जल से होती है। उन्होंने जल संसाधन विभाग को जल जनित बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए पानी शुद्धता की जांच नियमित रूप से करने के निर्देंश दिए। इसके लिए पानी टंकियों की साफ-सफाई और नियमित जांच अनिवार्य रूप से करने को कहा। उन्होंने कहा प्रतिदिन पानी के 250 से 300 सेंपल लेकर उनकी जांच की जाये। उन्होंने कहा कि इसी तरह स्लम बस्तियों में लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पानी में क्लोरिन टेबलेट का मिश्रण अनिवार्य रूप से किया जाये। इन बस्तियों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन के माध्यम से क्लोरिन टेबलेट का वितरण सुनिश्चित करने के निर्देंश दिए। शहर के ऐसे क्षेत्र जहां पर जलजनित बीमारियों की फैलने की संभावना अधिक हैं, वहां बीमारियों से रोकथाम के लिए पहले से पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देंश स्वास्थ्य विभाग को दिए।


स्वास्थ्य सचिव ने यह भी कहा कि शासकीय भवनों सहित अन्य स्थानों में अनावश्यक पानी जमा नहीं होना चाहिए। इन भवनों के खिड़की व दरवाजों मंे मच्छरों को रोकने के लिए अनिवार्य रूप से जाली का उपयोग किया जाना चाहिए। शहर के व्यवसायिक क्षेत्रों, उद्योगों, गोदामों आदि और जहां पुराने वाहन या टायर्स आदि से संबंधित कार्य होता है, ऐसे जगहों में अनावश्यक पानी जमा होने के निगरानी नगरीय निकाय द्वारा की जाये। इसके अतिरिक्त लोंगों को घरों में आवश्यक साफ-सफाई और गंदे पानी के निकासी के लिए भी नागरिकों को जागरूक किया जाए।