कोरबा, 26 नवम्बर (वेदांत समाचार)। डिजिटल अरेस्ट के नाम से अब नया साइबर फ्राड चलन में आया है। दूरदराज में बैठकर ठगों का गिरोह इस प्रकार के मामलों को बढ़ाने में लगा हुआ है। मामले को सेटल करने के चक्कर में लोगों को बड़ी चपत लग रही है। पुलिस ने लोगों से सावधान रहने और बोगस फोन कॉल अथवा वाट्सएप पर फर्जी सूचना आने की स्थिति में नजदीकी थाने को सूचित करने को कहा है।
लगातार इस प्रकार के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। इससे पहले घर की छतों पर या खेत में मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर लोगों को फोन कॉल करने और फिर दस्तावेज और प्रोसेस शुल्क के नाम पर ठगी की गई। फिर एटीएम ब्लॉक होने से लेकर सिम कार्ड के निष्क्रिय हो जाने का वास्ता देकर फ्राड गैंग ने अपनी भूमिका निभाई। जब तक लोग समझ पाते उनके खाते से रूपए निकाल लिए गए। इसके बाद और भी कई तौर-तरीके साइबर फ्राड के द्वारा अपनाए गए और चपत लगाई गई। कुछ महीने पहले विदेश से पार्सल आने का झांसा देकर कस्टम ड्यूटी के नाम से इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दिया गया। लोगों को जैसे-जैसे इस बारे जानकारी हो रही है, ठगी की दुकान चलाने वालों के हाथ से तोते उड़ रहे हैं। इसलिए अब नए तरीकों का इजाद करना शुरू किया है। इस कड़ी में अब डिजिटल अरेस्ट का सहारा लिया गया है। हाल में ही भिलाई के एक नागरिक को 49 लाख रुपए का झटका लगा जो पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित कंपनी में बतौर मैनेजर काम कर रहा था। उसे सीबीआई के नाम से कॉल करते हुए कहा गया कि उसने अपने आधार कार्ड से कई सिमकार्ड लिए हैं और करोड़ों का लेनदेन किया। इसके अलावा कुछ लोगों को अश£ील मैसेज किए गए। इसके जरिए उसे डिजिटल अरेस्ट बताकर पांच दिन के भीतर मोटी रकम ले ली गई। भिलाई पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज कर जांच शुरू की है। कोरबा क्षेत्र में लगातार कुछ लोगों के पास बोगस कॉल आ रहे हैं और संबंधितों को डराने-धमकाने के साथ प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। समय के साथ जागरूकता बढऩे से लोग समझ रहे हैं कि ऐसे कॉल्स का मतलब क्या है और उन्हें करना क्या है।
केस-1
विकासखंड कोरबा की एक पंचायत की महिला सचिव इस बात से परेशान है कि कुछ दिनों से उनके नंबर पर कोई व्यक्ति फोन करने के साथ गठित रूप से धमकी चमकी दे रहा है। जब ऐसे कॉल्स को रेस्पॉन्ड नहीं किया गया था उसने वॉइस मैसेज भेज कर धमकी दी। यहां वहां से पता करने पर सचिव को जानकारी हुई की यह सब साइबर फ्रॉड से जुड़ा हुआ मामला है तब उन्होंने उक्त नंबर को ब्लॉक किया। क्योंकि ऐसे मामलों में सावधानी दिखाना ही जरूरी है।
केस-2
उत्तर प्रदेश में अध्यनरत एक छात्रा को भी साइबर फ्रॉड ने अपने चंगुल में लेने की कोशिश की लेकिन उसका यह प्रयास नाकाम रहा। उसके पास ऐसा ही एक कॉल गया था जिसमें कहा गया कि उसके पिता एक्सीडेंट हो गया है। छात्र ने जब बुद्धिमत्ता के साथ पूछताछ का क्रम शुरू किया तो सामने वाले के होश उड़ गए और उसे फोन डिस्कनेक्ट करना पड़ा।
केस-3
कोरबा में ही दीपिका क्षेत्र के एक पत्रकार को तीन दिन पहले साइबर फ्रॉड गैंग के द्वारा कॉल करने के साथ बताया गया कि विदेश से उसका पार्सल आया है और नई दिल्ली में इसके लिए एडवांस कस्टम ड्यूटी जमा करनी होगी। जब पूछा गया कि कस्टम ड्यूटी के लिए एडवांस पेमेंट का नियम कहां से लागू हो गया तो फोन करने वाले ने जानकारी देने के बजाय तुरंत कॉल काट दिया। घटनाएं बताती है कि लोगों की जागरूकता का स्तर पता होते ही साइबर फ्रॉड समझ जाते हैं कि उन्होंने गलत जगह पर प्रयास किया है
जागरूकता अभियान चला रही है पुलिस
कोरबा जिले में पुलिस के द्वारा साइबर फ्रॉड से संबंधित घटनाओं की रोकथाम और आपराधिक तत्वों को हतोत्साहित करने के लिए पुलिस के द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत शैक्षणिक संस्थाओं के साथ-साथ विभिन्न कार्यालय सार्वजनिक स्थान आदि में छोटे-छोटे कार्यक्रम किया जा रहे हैं और इसके माध्यम से बताया जा रहा है कि साइबर फ्रॉड क्या है और यह सब किस प्रकार से होता है। ऐसे तत्वों से सावधान रहने और खुद को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए क्या कुछ आवश्यकता है इस बारे में पूरी जानकारी दी जा रही हैं।
पुलिस का कहना है कि लोगों की सतर्कता ही इस मामले में उन्हें हर प्रकार के खतरे से बचा सकती है।। पुलिस ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास बाहर से इस प्रकार के फोन कॉल आते हैं या उनके व्हाट्सएप पर धमकाने वाली सूचना प्राप्त होती है, बिना देर किए पुलिस के पास शिकायत करें ताकि प्रभावी और शीघ्रतापूर्वक कार्रवाई की जा सके।
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