कोरबा,26 नवंबर (वेदांत समाचार)। जिले में गौरव पथ दीपका को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। नगर पालिका परिषद दीपका अंतर्गत निर्माणाधीन ओवरब्रिज को लेकर उठे विरोध के स्वर के मध्य अब चर्चा इस बात को लेकर भी होने लगी है कि आखिर इस विरोध के परदे के पीछे की सच्चाई क्या है, विरोध जब पहले नहीं हुआ तो अब क्यों…?
स्थानीय लोगों के बीच से ही यह बात निकलकर सामने आई है कि पूर्व में आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए करोड़ों रुपये का गौरव पथ मार्ग का निर्माण कराया गया था, इस मार्ग पर आम नागरिकों की रक्षा व सुरक्षा के लिए नगर प्रशासन के द्वारा सड़क निर्माण कराकर दीपका सहित क्षेत्र के आसपास के लोगों को राहत देना था परंतु सड़क निर्माण होते ही कुछ महीनों के बाद कोयला खदानों से भारी भरकम गाड़ियां ट्रक- ट्रेलरों को परिचालन के लिए अनुमति दे दिया गया।
इनके परिचालन से दर्जनों से अधिक कई घटनाएं- दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। घटनाओं को देखते हुए दीपका के आम नागरिकों में रोष व नाराजगी बढ़ने लगी। कई दशकों से कोयला खदानों से बड़ी गाड़ियों का संचालन के कारण विरोध का स्वर उठना शुरू हो गया। कई सामाजिक संगठन, दल सहित समाज सेवक लोग इस मार्ग से भारी गाड़ियों का परिचालन बंद कराने के लिए अनेकों आंदोलन कर जिला प्रशासन से गुहार लगाकर मांग किए लेकिन कोई सुनवाई आज तक नहीं हुआ है।
अब सवाल यह है कि गौरव पथ मार्ग पर एसईसीएल के द्वारा एक निजी कंपनी को करोड़ों का ठेका देकर ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है तब स्थानीय सूत्र बताते हैं कि एसईसीएल द्वारा इस निर्माण से आम नागरिकों को राहत देने की बात कही जा रही है लेकिन यूनियनों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। क्षेत्र में चर्चा के साथ सवाल है कि आखिर इस विरोध के पीछे की हकीकत क्या है और किनके इशारे पर विरोध हो रहा है?
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