सरवाइवल की कला है सबसे महत्वपूर्ण – प्रो. पाण्डेय

विनोद उपाध्याय/कोरबा, 21 नवंबर (वेदांत समाचार)। इस वर्ष शासकीय ग्राम्य भारती महाविद्यालय, हरदीबाजार की रा.से.यो. इकाई का सात दिवसीय विशेष शिविर ग्राम पंचायत नोनबिर्रा के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित किया जा रहा है। शिविर के पाँचवे दिन इकाई के स्वयंसेवकों को सीमित संसाधनों एवं विषम परिस्थितियों में जीवित बचने के गुर सिखाने के उद्देश्य से शिविर स्थल से लगभग सात किलोमीटर दूर स्थित खलारी बाँध जलाशय तक ट्रेकिंग का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

उक्त कार्यक्रम में दलवार विभाजित स्वयंसेवकों को यह बताया नहीं जाता है कि दरअसल उनकी मंज़िल कहाँ है अपितु उन्हें रास्ते भर में वरिष्ठ स्वयंसेवकों द्वारा छोड़े गए निशानों से रास्ता खोजते हुए अपनी मंज़िल तक पहुँचना होता है। यह निशान काफ़ी हद तक छुपे हुए होते हैं और कई बार उल्टी दिशा या गलत दिशा की ओर भी संकेत करते हैं, इसलिए स्वयंसेवकों को स्वविवेक से इन सुरागों को समझते हुए तथा टीमवर्क का सहारा लेकर समस्त बाधाओं को पार करते हुए अपने गंतव्य तक सुरक्षित पहुँचना होता है। साथ ही उन्हें अपने दल के समस्त सदस्यों के साथ मिलकर रास्ते में मिली हुई चीजों जैसे किसी के खेत या बाड़ी से मिली हुई सब्ज़ियाँ तथा फल, रास्ते में मिले तालाबों से पकड़ी हुई मछलियाँ या छोटे पशु-पक्षी आदि बिना माचिस के आग जलाए, बिना बर्तनों का प्रयोग किए तथा बिना तेल, नमक, मसालों आदि के बनाने का कार्य एक प्रतियोगिता के रूप में दिया जाता है जिसमें खाने लायक बनाई गई चीज़ों की संख्या, उनके स्वाद तथा पकवानों के प्रस्तुति के तरीके के आधार पर हर दल को अंक प्रदान किए जाते हैं। कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी प्रो. अखिलेश पाण्डेय ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन स्वयंसेवकों में दल-निष्ठा, अनुशासन, रचनात्मकता, सहनशक्ति तथा धैर्य जैसे कई सकारात्मक गुण विकसित करते हैं। ट्रेकिंग के कार्यक्रम स्थल पर शिविर के नियमानुसार परियोजना कार्य में बृहद सफ़ाई अभियान के साथ-साथ एच.आई.वी. एड्स पर बौद्धिक परिचर्चा का सत्र भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि महाविद्यालय के विभिन्न संकायों एवं विभागों के कई प्राध्यापकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में राष्ट्रीय सेवा योजना के सहायक कार्यक्रम अधिकारी श्री रामेश्वर राम आदित्य तथा श्री नवीन शर्मा, मास्टर ट्रेनर जनाब मो. ऐहतेशाम, श्री आशीष अग्रवाल, श्री विपिन शर्मा, श्री अरुण खाण्डेकर, श्री विपिन शर्मा, श्री विनोद पटेल, श्री रजनीश मरावी, श्री विक्रम मरकाम, श्री प्रभात कुमार नेटी एवं अन्य वरिष्ठ स्वयंसेवकों की भूमिका अहम रही ।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]