रायपुर 20 नवंबर 2024 (वेदांत समाचार )। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित पीएससी (छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग) भर्ती घोटाले में सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग इस्पात के डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। इस कार्रवाई के बाद रसूखदारों के बीच खलबली मच गई है। संकेत मिल रहे हैं कि जांच का दायरा बढ़ने पर सीबीआई जल्द ही एक आईपीएस और एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को भी हिरासत में ले सकती है।
सीबीआई जांच: भाजपा की जनहित याचिका से शुरू हुआ मामला
सीजीपीएससी 2021-22 भर्ती में गड़बड़ियों का मामला तब प्रकाश में आया, जब पूर्व गृह मंत्री और भाजपा नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पीएससी और राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ की युवाओं को न्याय दिलाने और घोटाले की सीबीआई जांच कराने का वादा किया था। सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस वादे को पूरा करते हुए राज्य में प्रतिबंधित सीबीआई को इस घोटाले की जांच का जिम्मा सौंपा।
जांच के पहले चरण में दो गिरफ्तार, और नाम आने की संभावना
सीबीआई ने अपनी शुरुआती जांच में पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और उद्योगपति बजरंग गोयल को गिरफ्तार किया है। अब चर्चा है कि जल्द ही एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और पुलिस अफसर को भी गिरफ्त में लिया जा सकता है।
सीबीआई की जांच की तेजी ने प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में कुछ और चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं।
हाई कोर्ट की फटकार और गड़बड़ियों की पुष्टि
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि अगर याचिका में लगाए गए आरोप और प्रस्तुत सूची सही हैं, तो यह गंभीर मामला है। कोर्ट ने संकेत दिए थे कि अफसरों के बच्चों के चयन में गड़बड़ी हुई है।
पहली परीक्षा की जितनी चर्चा,उससे भी इस मामले की हो रही
छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग के गठन और उसके बाद अब तक जितनी भी परीक्षाएं सीजीपीएससी ने आयोजित की अमूमन सभी विवादों के घेरे में रहा है। सभी परीक्षाओं के बाद भर्ती का मामला हाई कोर्ट पहुंचा। सबसे ज्यादा चर्चित वर्ष 2003 में आयोजित पहली परीक्षा रही। मौजूदा दौर में वर्ष 2021-22 में आयोजित परीक्षा में तो भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों की सीमाएं ही लांघ दी है। छत्तीसगढ़ के युवाओं का भरोसा ही सीजीपीएससी के अफसरों ने तोड़ दिया है।
ये है वो नाम, जिसे लेकर मचा है बवाल
नितेश, डिप्टी कलेक्टर, पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी का पुत्र, सरनेम छिपाया गया
साहिल, डीएसपी, पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के बड़े भाई का पुत्र, सरनेम छिपाया गया
निशा कोशले, डिप्टी कलेक्टर, पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह के पुत्र नितेश की पत्नी
दीपा अजगले/आदिल जिला आबकारी अधिकारी, पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के भाई की बहू
सुनीता जोशी, लेबर आफिसर, पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी की बहन की पुत्री
सुमित ध्रुव, डिप्टी कलेक्टर, लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो का पुत्र
नेहा खलखो, डिप्टी कलेक्टर, लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो की पुत्री
निखिल खलखो, डिप्टी कलेक्टर, लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो का पुत्र
साक्षी ध्रुव, डिप्टी कलेक्टर, बस्तर नक्सल आपरेशन के डीआइजी ध्रुव की पुत्री
प्रज्ञा नायक, डिप्टी कलेक्टर कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार की पुत्री
प्रखर नायक, डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार का पुत्र
अन्यया अग्रवाल, डिप्टी कलेक्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता की पुत्री
शशांक गोयल, डिप्टी कलेक्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार का दामाद
भूमिका कटियार, डिप्टी कलेक्क्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की पुत्री।
खुशबू बिजौरा, डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता के ओएसडी के साढू भाई की पुत्री।
स्वर्णिम शुक्ला,सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला का पुत्र
राजेंद्र कुमार कौशिक, डिप्टी कलेक्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता का पुत्र
मिनीक्षी गनवीर, डिप्टी कलेक्टर, गनवीर की पुत्री जो कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के साथ रहती हैं।
भ्रष्टाचार ने युवाओं का भरोसा तोड़ा
छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग पर पहले भी विवाद के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन 2021-22 की भर्ती में गड़बड़ियों ने सभी हदें पार कर दीं। परीक्षाओं में चयनित उम्मीदवारों की सूची में अफसरों और रसूखदारों के परिवार के सदस्यों के नाम ने युवाओं का भरोसा तोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ के युवाओं और जनता को अब सीबीआई की आगे की कार्रवाई का इंतजार है।
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