भिलाई, 14 नवम्बर (वेदांत समाचार )।आज दिनांक 14/11/24 को बाल दिवस के अवसर पर डाक विभाग दुर्ग संभाग द्वारा केंद्रीय विद्यालय दुर्ग में पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में प्राचार्य श्री उमाशंकर मिश्राजी, डॉ. अजय आर्य TGT केंद्रीय विद्यालय सहित प्रवर अधीक्षक डाकघर श्री बी एल जांगड़े, सहायक अधीक्षक दुर्ग नितिन गोस्वामी, एम ई दुर्ग सुरजीत मेहता, पीआरआईपी प्रेमराज जाचक एवं नारद साहू उपस्थित रहे। कार्यक्रम में लगभग 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
ढाई आखर डाक विभाग द्वारा भारत के नागरिकों के लिए लेखन का आनंद: डिजिटल युग में पत्रों का महत्व विषय पर एक राष्ट्रीय स्तर की पत्र लेखन प्रतियोगिता है, जिसमें भारत का कोई भी नागरिक भाग ले सकता है। प्रवर अधीक्षक डाकघर दुर्ग श्री बी.एल जांगड़े (IPoS) ने बच्चों को बालदिवस की शुभकामनाएं देते हुए बताया कि सभी प्रतिभागी मुख्य पोस्टमास्टर जनरल को संबोधित करते हुए उपरोक्त विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखेंगे, जो पहले सर्किल स्तर और फिर निदेशालय स्तर पर शॉर्टलिस्ट होने पर नकद पुरस्कार के लिए पात्र होगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार Rs 50000/- द्वितीय Rs 25000/- और तृतीय पुरस्कार Rs 10000/- दिए जाते हैं वहीं परिमंडल स्तर पर प्रथम पुरस्कार Rs 25000/- द्वितीय Rs 10000/- और तृतीय पुरस्कार Rs 5000/- प्रतिभागियों को प्राप्त होते हैं। उन्होंने बच्चों को पत्र लेखन के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि पत्र लेखन से आत्मीयता बढ़ती है। प्राचार्य उमाशंकर मिश्र ने कहा – अभिव्यक्ति का प्रमुख साधन लेखन है। अनेक क्रांतिकारियों ने लिखकर अपने विचारों को विश्व भर में फैलाया है। पत्र लेखन भी लेखन की कला को विकसित करने पर जोर देता है। अपने भावों को प्रभाव शाली ढंग से रखना आना शिक्षा का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। पत्र लेखन को हमें अपनी दिनचर्या और जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
डॉ अजय आर्य ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा- पत्र का प्रभाव सीधे हृदय में पड़ता है। यह अपनेपन को प्रगाढ़ करता है। लगातार लिखने से भाव सहज और सरल रूप से सहेजने के योग्य बन जाते हैं। सहायक अधीक्षक डाकघर दुर्ग श्री नितिन गोस्वामी ने बताया कि आज के डिजिटल दौर में बच्चे पत्रों से दूर हो गए हैं, उनमें लेखन कौशल विकसित करने और डाक घर से परिचित कराने डाक विभाग द्वारा आज चिल्ड्रन डे के अवसर पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है । ढाई आखर के अंतर्गत पत्र अंग्रेजी, हिंदी या किसी भी स्थानीय भाषा में लिखा जा सकता है जो पहले सर्किल स्तर और फिर निदेशालय स्तर पर शॉर्टलिस्ट होने पर नकद पुरस्कार के लिए पात्र होगा। यह पत्र हाथ से लिखा होना चाहिए। और इस प्रतियोगिता में भारत का कोई भी नागरिक भाग ले सकता है। इसमें भाग लेने के लिए कोई न्यूनतम या अधिकतम आयु निर्धारित नहीं है। यह प्रतियोगिता अभी इसी प्रकार सभी स्कूलों में जारी रहेगी जिसकी अंतिम तिथि 14 दिसंबर, 2024 है।
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