UPPSC Protest: प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन का असर दिखाई दिया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने दो शिफ्ट में दो परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला वापस ले लिया है। प्रयागराज में चार दिनों से आयोग के सामने डटे 20,000 छात्रों के विरोध के आगे सरकार को झुकना पड़ा।
आयोग के अध्यक्ष संजय श्री नेत की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पीसीएस की परीक्षा अब एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
छात्र आयोग के इस फैसले से संतुष्ट नहीं
इसके साथ ही आयोग ने RO-ARO परीक्षा के लिए एक कमेटी गठित की है, और इस परीक्षा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। जिन छात्रों को गिरफ्तार किया गया था, उन्हें भी रिहा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद आयोग ने UP PCS 2024 की प्रारंभिक परीक्षा को पहले की तरह एक दिन और एक ही शिफ्ट में कराने की घोषणा की है।
हालांकि, RO-ARO 2023 की भर्ती परीक्षा पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, और दिसंबर में होने वाली इस परीक्षा को टाल दिया गया है। परीक्षा के पैटर्न को तय करने के लिए एक कमेटी बनाने की बात कही गई है। लेकिन प्रदर्शनकारी छात्र आयोग के इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है और इसे “डिवाइड एंड रुल” की नीति करार दिया है, जिससे हजारों की संख्या में छात्र अब भी जमा हैं।
RO/ARO परीक्षा को स्थगित किया
आयोग के सचिव अशोक कुमार गुरुवार दोपहर करीब 4 बजे कार्यालय से बाहर आकर छात्रों के बीच पहुंचे। उन्होंने घोषणा की कि UPPSC की प्रारंभिक परीक्षा अब एक ही दिन में कराई जाएगी।
समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) परीक्षा-2023 के लिए आयोग एक कमेटी गठित करेगा, जो सभी पहलुओं पर विचार कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उसके बाद ही परीक्षा पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। (UPPSC Protest)
इसका मतलब है कि पीसीएस प्री परीक्षा पुराने पैटर्न के अनुसार अब एक ही दिन में होगी। RO/ARO परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। पीसीएस प्री परीक्षा पहले 7 और 8 दिसंबर को होनी थी, जबकि RO/ARO परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को प्रस्तावित थी। अब नए डेट घोषित की जाएगी।
छात्रों और पुलिस के बीच झड़प
हालांकि छात्र अभी भी आयोग के बाहर डटे हुए हैं। इससे पहले सुबह प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिसकर्मियों में झड़प हो गई। पुलिसकर्मी सादी वर्दी में धरना दे रहे छात्रों को जबरन उठाने पहुंचे थे।
पुलिस को देखते ही छात्र-एक दूसरे पर लेट गए। छात्रों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने छात्राओं के साथ बदसलूकी और गालियां भी दीं। पुलिस की इस हरकत से छात्र भड़क गए। करीब एक घंटे के अंदर 10 हजार से ज्यादा छात्र आयोग के नजदीक पहुंच गए। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके आयोग के रास्ते को सील कर दिया था। प्रदर्शनकारी छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। छात्र आयोग के गेट तक पहुंच गए थे।
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