कोरबा में धान खरीदी अभियान से पहले बड़ा फेरबदल: 65 उपार्जन केंद्रों के डाटा एंट्री ऑपरेटर बदले गए, देखें आदेश…

कोरबा, 13 नवंबर (वेदांत समाचार)। 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने से पूर्व कोरबा जिले में उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की है।धान खरीदी कर अंतिम लेखा मिलान तक 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों के समस्त 65 डाटा एंट्री ऑपरेटरों के कार्य स्थल में बदलाव कर दिया गया है। उप आयुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं कोरबा ने इस फेरबदल का आधार धान खरीदी का कार्य सुव्यवस्थित एवं सुचारू रूप से संपादित करना बताया है। धान खरीदी के ठीक एक सप्ताह पूर्व जारी आदेश से डाटा एंट्री ऑपरेटरों में हड़कम्प मचा है।

यहाँ बताना होगा कि पूरे प्रदेश में 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य किया जाना है। इसके लिए लगभग सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। अमूमन धान खरीदी से ठीक पहले ऐसे अधिकारी कर्मचारी जिनके विरुद्ध पूर्व में कर्तव्य निर्वहन के दौरान अनियमितता /लापरवाही/अनुशासनहीनता की शिकायत ,आरोप लगे होते हैं उन्हें धान खरीदी कार्य तक के लिए मूल पदस्थापना स्थल से अन्यत्र समितियों ,उपार्जन केंद्रों में कार्य करने आदेशित किया जाता रहा है। लेकिन इस साल धान खरीदी अभियान से ठीक पहले उप आयुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं कोरबा ने 8 नवंबर 2024 को एक आदेश जारी कर जिले के 65 उपार्जन केंद्रों में पदस्थ समस्त डाटा एंट्री ऑपरेटरों को अन्यत्र उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी कार्य के अंतिम मिलान तक के लिए कार्य करने आदेशित किया है।

तो फड़ प्रभारी पर क्यों हैं मेहरबान ?

उप आयुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं कोरबा के इस आदेश से डाटा एंट्री ऑपरेटर हैरान हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक ऑपरेटर ने कहा कि हमारा काम सिर्फ ऑनलाइन एंट्री करना रहता है।जिसमें जरा सी भी असावधानी या लापरवाही पर सीधे तौर पर अनियमिततता पकड़ी जा सकती हैं। संबंधित पर कार्रवाई की जा सकती है । ऐसे में बिना किसी ठोस आधार शिकायत के सारे डाटा एंट्री ऑपरेटरों को मूल पदस्थापना स्थल से अन्यत्र कार्य करने आदेशित करना अधिकारी वर्ग की तानाशाही है। हम हाल में प्रदेश के मुखिया के वादे पर प्रदेश स्तरीय हड़ताल समाप्त कर वापस लौटे हैं। ताकि शासन के अति महत्वपूर्ण कार्य धान खरीदी प्रभावित न हों, ऐसे में जिला स्तर से हमें इस तरह परेशान करना उचित नहीं है। ऑपरेटरों ने बताया कि समिति स्तर पर धान खरीदी में अनियमितता के लिए प्रभारी प्रबंधक ,फड़ प्रभारी (विक्रेता) होते हैं। पूरी व्यवस्था इनके जिम्मे होती है। ऐसे में जिले में पूर्व में शिकायतों के बावजूद उन पर अभयदान एवं हमें अन्यत्र कार्य करने आदेशित कर परेशान किया जा रहा है। संघ की तरफ से इसका माकूल जवाब दिया जावेगा।

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