पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने सेंट पॉल स्कूल, राजकोट की रजत जयंती वर्ष पर जारी किया विशेष आवरण

  • फिलेटली का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान- पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

लखनऊ, 13 नवंबर (वेदांत समाचार) । डाक टिकट संग्रह या फिलेटली के क्षेत्र में डाक विभाग द्वारा तमाम नए कदम उठाये जा रहे हैं। इसका उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता के विकास के साथ-साथ यह भी है कि तमाम समसामयिक विषयों, घटनाओं, देश की विभूतियों, जैव विविधता आदि से बच्चे इन डाक टिकटों के माध्यम से रूबरू हो सके। फिलेटली का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान है। राजकोट परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने सेंट पॉल स्कूल की रजत जयंती वर्ष पर 12 नवंबर को विशेष आवरण व विरूपण जारी करते हुए उक्त विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर राजकोट मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर श्री एस के बुनकर, सेंट पॉल स्कूल के प्राचार्य फादर जेम्स, सीनियर पोस्टमास्टर राजकोट श्री अभिजीत सिंघ और सेंट मेरी स्कूल के पूर्व प्राचार्य फादर बिनोय भी उपस्थित रहे।

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक टिकट और विशेष आवरण अतीत को वर्तमान से जोड़ते हैं। डाक टिकट वास्तव में एक नन्हा राजदूत है, जो विभिन्न देशों का भ्रमण करता है एवम् उन्हें अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से अवगत कराता है। हर डाक टिकट के पीछे एक कहानी छुपी हुई है और इस कहानी से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है। सेंट पॉल स्कूल जैसे तमाम संस्थान इसमें अहम् भूमिका निभा रहे हैं। इसी क्रम में एक अभिनव पहल के तहत डाक विभाग विभिन्न स्कूलों में फिलेटली क्लब खोल रहा है, ताकि विद्यार्थियों में डाक टिकट संग्रह की अभिरुचि के प्रति उनकी प्रवृत्ति को विकसित किया जा सके। इससे विद्यार्थियों की शिक्षा में भी फायदा मिलेगा। डाक-टिकट संग्रह (फिलैटली) को शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में लाने और प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से डाक विभाग द्वारा कक्षा 6 से 9 तक के बच्चों के लिए 6000/- रूपये वार्षिक की “दीन दयाल स्पर्श छात्रवृति योजना” भी आरम्भ की गई है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि फिलेटली को “किंग आफ हॉबी व हॉबी आफ किंग” के रूप में जाना जाता है, जिसमें रूचि रखने पर विविध विषयों पर डाक टिकटों का संग्रह कर सकते हैं। साथ ही कहा कि संचार के बदलते दौर में आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया को अधिक तरजीह दे रही है, पर बच्चों को फिलेटली (डाक टिकट संग्रह और उनके अध्ययन) से जरूर जुड़ना चाहिए, इससे उनका सामान्य ज्ञान भी खूब विकसित होगा।

सेंट पॉल स्कूल के प्राचार्य फादर जेम्स ने कहा कि सेंट पॉल स्कूल एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है जो बच्चों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि उनका सर्वांगीण विकास भी सुनिश्चित करता है। सेंट पॉल स्कूल पर डाक विभाग द्वारा जारी विशेष आवरण से इसकी पहचान को देश-दुनिया में नया आयाम मिलेगा।

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