भारत सरकार ने मंगलवार को विकिपीडिया (Wikipedia) को एक आधिकारिक नोटिस भेजा है, जिसमें साइट पर मौजूद जानकारियों की निष्पक्षता और सत्यता को लेकर चिंता व्यक्त की गई है. सरकार ने यह भी सवाल उठाया है कि विकिपीडिया को एक ‘मध्यस्थ’ के बजाय ‘प्रकाशक’ के रूप में क्यों न देखा जाए, क्योंकि इसकी सामग्री पर नियंत्रण एक सीमित समूह के हाथ में है. विकिपीडिया एक मुफ्त ऑनलाइन ज्ञानकोष के रूप में प्रस्तुत होता है, जिसमें स्वयंसेवक विभिन्न विषयों पर पेज बनाते और संपादित करते हैं.
हालांकि, भारत में यह व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला मंच वर्तमान में कानूनी विवादों में फंसा हुआ है. इसे भ्रामक और मानहानिकारक सामग्री प्रदान करने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है.
यह नोटिस सितंबर में दिल्ली हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद आया है, जिसमें कोर्ट ने विकिपीडिया के खुले संपादन फीचर को ‘खतरनाक’ करार दिया था. यह टिप्पणी एक समाचार एजेंसी द्वारा दायर मानहानि मामले के दौरान की गई, जहां जजों ने आश्चर्य व्यक्त किया कि ‘कोई भी’ विकिपीडिया के पेजों को संपादित कर सकता है. अदालत ने यह भी कहा कि बिना किसी रोकटोक के संपादन से खासतौर पर व्यक्तियों या संस्थाओं के संवेदनशील विषयों पर गलत जानकारी फैलने का खतरा हो सकता है.
बता दें, 2000 के दशक के शुरुआत में शुरू हुआ विकिपीडिया एक ऐसा मंच है, जो नि:शुल्क जानकारी उपलब्ध कराता है. पिछले दो दशकों में इस मंच ने तेजी से प्रगति की है. आज, विकिपीडिया पर विकिपीडिया में 56 मिलियन से अधिक लेख उपलब्ध हैं. इसमें लगभग 89 प्रतिशत सामग्री अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में उपलब्ध है.
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