भाजपा विधायक और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भाई देवेंद्र राणा का निधन, व्यवसाय से राजनीति में रखा था कदम

जम्मू ,1नवंबर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और नगरोटा सीट से विधायक देवेंद्र सिंह राणा का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 59 वर्ष के थे। हरियाणा के फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज कराया जा रहा था। उनके परिवार में उनकी पत्नी गुंजन राणा, दो बेटियां देवयानी और केतकी तथा एक बेटा अधिराज सिंह है।एक समय में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के भरोसेमंद सहयोगी और मुख्यमंत्री के रूप में अब्दुल्ला के पिछले कार्यकाल के दौरान उनके राजनीतिक सलाहकार रहे राणा का जम्मू में मुसलमानों, विशेषकर गुज्जर समुदाय के बीच काफी प्रभाव था। जम्मू के डोडा जिले में साल 1965 में डोगरा परिवार में जन्मे राणा पूर्व नौकरशाह राजिंदर सिंह राणा के बेटे थे और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भाई थे।

एनआईटी कुरुक्षेत्र से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के बाद राणा ने व्यवसाय में कदम रखा और अपनी खुद की ऑटोमोबाइल कंपनी की स्थापना की। वह ‘जामकाश व्हीकलएड्स ग्रुप’ के मालिक थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में एक शीर्ष उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई थी।देंवेंद्र राणा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) पार्टी के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी, जहां वे एक प्रमुख रणनीतिकार और सलाहकार के रूप में प्रमुखता से उभरे और प्रांतीय अध्यक्ष के रूप में जम्मू में पार्टी का आधार बढ़ाया।उमर अब्दुल्ला के विश्वसनीय सहयोगी के रूप में उन्होंने जम्मू में पार्टी की रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भाजपा के गढ़ माने जाने वाले नगरोटा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था, जहां उन्होंने तीन बार सांसद रहे भाजपा के जुगल किशोर शर्मा को हराकर जीत हासिल की थी।

कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राणा जम्मू को राज्य का दर्जा बहाल करने के मुखर समर्थक रहे थे। नेकां के साथ दो दशक से अधिक समय तक रहने के बाद देवेंद्र राणा ने साल 2021 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। जम्मू क्षेत्र में उनकी गहरी जड़ें और स्थानीय समुदायों के साथ घनिष्ठ संबंधों ने उन्हें जम्मू-कश्मीर की राजनीति में, विशेष रूप से भाजपा के लिए एक प्रमुख व्यक्ति बना दिया।

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