कोरबा जिले में डीएमएफ घोटाले में नया मोड़: कैग रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

कोरबा, 18 अक्टूबर 2024। कोरबा जिले में जिला खनिज न्यास संस्थान (डीएमएफ) घोटाले में नया तथ्य सामने आया है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कोरबा जिले का नाम नहीं है, जबकि डीएमएफ से कराए गए कार्यों की परफॉरमेंस ऑडिट करानी आवश्यक थी।

रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से 2023 तक कोरबा और दंतेवाड़ा जिलों में परफॉरमेंस ऑडिट नहीं की गई। निर्माण कार्यों में सबसे अधिक आपत्ति की गई है। इससे पहले, पूर्व कलेक्टर रानू साहू और आदिवासी विकास विभाग की पूर्व सहायक आयुक्त माया वारियर की गिरफ्तारी हो चुकी है।

कोरबा जिले में कोयला रॉयल्टी से खनिज विभाग को 2 हजार करोड़ से अधिक की राशि मिलती है, जिसमें से 40 प्रतिशत हिस्सा कोरबा जिले को मिलता है। लेकिन अधिकारियों ने खरीदी के साथ ही कई क्षेत्रों में काम कराया है, जिसका ऑडिट नहीं कराया गया है।

इस मामले में ईडी ने 40 प्रतिशत कमीशन लेने की बात कही है, लेकिन अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ कि किन-किन लोगों ने कमीशन की राशि दी है और किन अधिकारियों में बंटा है।

कैग रिपोर्ट में ये बड़े खुलासे:

  • 9 जिलों का ऑडिट किया गया, लेकिन कोरबा और दंतेवाड़ा का नाम नहीं।
  • निर्माण कार्यों में सबसे अधिक आपत्ति।
  • प्रभावितों की सूची अब तक नहीं बनाई गई।
  • कोरोना काल में भी डीएमएफ से राशि खर्च की गई, लेकिन ऑडिट नहीं हुई।
  • अस्पतालों में मशीन की खरीदी हुई, लेकिन उपयोग नहीं किया गया।

इस मामले में आगे की जांच जारी है। अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।