बिलासपुर में विसर्जन उत्सव का भव्य आयोजन : झांकियों ने खींचा जनसैलाब

बिलासपुर, 14 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। श्रद्धालुओं ने मां के विदाई क्षणों को भक्ति और प्रेम से सजाया। नयनाभिराम झांकियों ने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। विसर्जन यात्रा की शुरुआत सिम्स चौक से हुई, जहां से झांकियों का कारवां सदर बाजार, गोल बाजार, हटरी चौक होते हुए पचरी घाट तक पहुंचा। भक्तों ने इस पूरे मार्ग पर झांकियों के साथ मां दुर्गा के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया।

रातभर चले इस विसर्जन उत्सव में हजारों की भीड़ शामिल रही। इसने शहर में मेले जैसा माहौल बना दिया। विशेष बात यह रही कि रावत नाच और पंथी नृत्य जैसे पारंपरिक नृत्य दलों ने भी अपने मनमोहक प्रदर्शन से इस उत्सव को और अधिक यादगार बना दिया। इस बार की विसर्जन झांकियों में मां दुर्गा के शक्ति रूप को प्रमुखता से दर्शाया गया।

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झांकियों में मां को शेर की सवारी करते हुए और असुरों का संहार करते हुए दिखाया गया। इससे लोगों को मां की अद्भुत शक्ति का अनुभव हुआ। इसके अलावा राम दरबार, नारी शक्ति, पर्यावरण संरक्षण की झांकियां भी देखने को मिलीं। इन झांकियों ने राष्ट्रीयता और भक्ति का अनोखा संगम प्रस्तुत किया। इससे श्रद्धालु भावुक हो उठे।

राजनांदगांव व दुर्ग के बैंड व पंथी नृत्य ने बांधा समां

विसर्जन के दौरान पारंपरिक नृत्य दलों ने पूरे आयोजन को उत्सव की ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। रावत नाच और पंथी नृत्य दलों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से लोगों का दिल जीत लिया। नर्तक दलों की सजीव झांकियों और मां दुर्गा के आराधना गीतों के बीच भक्तों ने भी नाचते-गाते हुए मां का आशीर्वाद लिया। दुर्ग व राजनांदगांव बैंड के साथ इस साल कई समितियों ने अलग- अलग बैंड की धुन पर झांकी निकाली।

रातभर चले इस विसर्जन उत्सव में हजारों की भीड़ शामिल रही। इसने शहर में मेले जैसा माहौल बना दिया। विशेष बात यह रही कि रावत नाच और पंथी नृत्य जैसे पारंपरिक नृत्य दलों ने भी अपने मनमोहक प्रदर्शन से इस उत्सव को और अधिक यादगार बना दिया। इस बार की विसर्जन झांकियों में मां दुर्गा के शक्ति रूप को प्रमुखता से दर्शाया गया।

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झांकियों में मां को शेर की सवारी करते हुए और असुरों का संहार करते हुए दिखाया गया। इससे लोगों को मां की अद्भुत शक्ति का अनुभव हुआ। इसके अलावा राम दरबार, नारी शक्ति, पर्यावरण संरक्षण की झांकियां भी देखने को मिलीं। इन झांकियों ने राष्ट्रीयता और भक्ति का अनोखा संगम प्रस्तुत किया। इससे श्रद्धालु भावुक हो उठे।

राजनांदगांव व दुर्ग के बैंड व पंथी नृत्य ने बांधा समां

विसर्जन के दौरान पारंपरिक नृत्य दलों ने पूरे आयोजन को उत्सव की ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। रावत नाच और पंथी नृत्य दलों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से लोगों का दिल जीत लिया। नर्तक दलों की सजीव झांकियों और मां दुर्गा के आराधना गीतों के बीच भक्तों ने भी नाचते-गाते हुए मां का आशीर्वाद लिया। दुर्ग व राजनांदगांव बैंड के साथ इस साल कई समितियों ने अलग- अलग बैंड की धुन पर झांकी निकाली।