छत्तीसगढ़ का वह गांव जहां रावण को दिया जाता है सम्मान, आज के दिन की जाती है पूजा

बालोद के ग्राम तार्री में दशहरे पर रावण की पूजा की परंपरा है

बालोद,12 अक्टूबर: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम तार्री में एक अनोखी परंपरा है, जहां दशहरे की शाम को रावण की पूजा की जाती है। ग्रामीणों का मानना है कि रावण सबसे ज्यादा ज्ञानी पंडित था, जो सभी कलाओं में निपुण था।

गांव में रावण की सीमेंट की मूर्ति बनी हुई है, जिसमें रावण कोर्ट पैंट पहने हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है और वे इसे निभा रहे हैं।

गांव में रावण की मूर्ति के सामने भगवान राम का मंदिर भी है, जहां रोज पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन रावण की मूर्ति की पूजा सिर्फ दशहरा के दिन शाम को की जाती है।

ग्रामीणों का कहना है कि वे जल्द ही जर्जर हो चुके मूर्ति का नवनिर्माण कराएंगे और उसे भी इसी तरह पेंट कोर्ट वाला मूर्ति का ही बनाएंगे।