नई दिल्ली। ट्विटर अपने प्लेटफार्म पर पिछले 6 माह से इनएक्टिव अकाउंटों को अनवेरिफाइड कर रहा है। इस क्रम में भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत कई नेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया गया। ऐसा करने के पीछे का कारण अपनी पॉलिसी बताई। ट्विटर ने कहा, हमारे वेरिफिकेशन पॉलिसी के अनुसार, यदि अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है तो ब्लू वेरिफाइड बैच को हटाया जा सकता है। हालांकि कुछ घंटों बाद ही उपराष्ट्रपति नायडू के अकाउंट पर ब्लू टिक बहाल कर दिया गया लेकिन अन्य नेताओं के अकाउंट अब भी अनवेरिफाइड ही हैं। ट्विटर के इस कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा हो रहा है। अकाउंट रजिस्टर होने के बाद लोगों को सक्रिय तौर पर लॉग इन करना होता है। अपने अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए यूजर को कम से कम 6 महीने में एक बार तो लॉग इन करना ही होगा। लंबे समय तक यदि लॉग इन नहीं होता है तो अकाउंट को स्थायी तौर पर हटा दिया जा सकता है। लॉग इन के आधार पर ट्विटर यूजर की एक्टिविटी को ट्रैक करता है।
उपराष्ट्रपति के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दो शीर्ष नेताओं अरुण कुमार व सुरेश सोनी के ट्विटर अकाउंट से भी वेरिफाइड करने वाला ब्लू टिक हटा लिया गया। उपराष्ट्रपति ने 23 जुलाई 2020 को अंतिम ट्वीट किया था वहीं संघ के दोनों नेताओं के अकाउंट में एक भी ट्वीट पोस्ट ही नहीं किया गया है।अकाउंट के एक्टिव होने की जांच उसके पिछले 6 महीने के आंकड़ों से लिया जाता है कि यूजर ने अपने हैंडल का इस अवधि में इस्तेमाल किया है या नहीं। दरअसल माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने आज उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू समेत अन्य नेताओं के अकाउंट को अनवेरिफाइड कर दिया था। ट्विटर ने इस मामले में सफाई दी और कहा कि इनके अकाउंट पिछले कई महीनों से एक्टिव नहीं थे।
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