कांकेर 07 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। कांकेर जिले के लारगांव में रविवार रात दो भालू दीवार फांदकर एक घर में घुस गए, जिससे परिवार पूरी रात दहशत में रहा। यह घटना क्षेत्र में बढ़ते जंगली जानवरों के आतंक को दर्शाती है, जहां भालू और तेंदुए शाम ढलते ही लोगों के लिए खतरा बन जाते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि रोजाना इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन इसके बावजूद वन विभाग की ओर से कोई उचित कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है।
दुर्गा पंडाल में घुसा भालू, ग्रामीणों में हड़कंप
वहीं शनिवार रात लारगांव में एक अन्य घटना के दौरान एक भालू भोजन की तलाश में दुर्गा पंडाल में घुस गया। वहां सो रहे ग्रामीणों ने भालू की आवाज सुनते ही जागकर शोर मचाया। भालू तेल और मिठाई की गंध से आकर्षित होकर पंडाल में पहुंचा था और ज्योति कलश के पास पहुंचते ही ग्रामीणों की चीखें सुनकर भागने की कोशिश करने लगा। भालू पंडाल से बाहर निकलने के लिए पंजों से पंडाल को फाड़ने लगा, लेकिन अंततः सामने के रास्ते से भाग निकला।
ग्रामीणों की सूझबूझ से कोई बड़ा हादसा होने से टल गया। यह घटना भालू की तेज सूंघने की शक्ति और खाने की लालच को दर्शाती है, क्योंकि भालू को तेल पीने की विशेष रुचि होती है। नवरात्रि के दौरान मंदिरों में प्रज्जवलित ज्योति कलश के कारण भालुओं की सक्रियता बढ़ गई है।
वन विभाग की लापरवाही पर नाराजगी
इस घटना के बाद से क्षेत्र के लोग वन विभाग की लापरवाही से नाराज हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जंगली जानवरों के इस तरह से घुसपैठ करने से किसी भी समय बड़ी घटना हो सकती है। बार-बार शिकायतों के बावजूद वन विभाग की उदासीनता से लोग भय के माहौल में जी रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने वन विभाग से तत्काल कदम उठाने और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की मांग की है।
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