रायपुर 05 अक्टूबर 24 (वेदांत समाचार)। महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के तत्वाधान में आज पत्रकारिता में तकनीकी निर्भरता की भूमिका विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर वरिष्ठ पत्रकार शिव दुबे रायपुर शामिल हुए वहीं आयोजन में अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी ने की इसके अलावा कार्यक्रम में विशेष रूप से पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष राम प्रसाद दुबे ए शिक्षिका धनलक्ष्मी दीवान डॉक्टर शांतनु पाल डॉ राकेश चंद्राकर डॉक्टर सोमा दास डॉक्टर श्वेता महाकालकर डॉ किरण तिवारी डॉक्टर लक्ष्मीकांत साहू सहित शिक्षक शिक्षिकाएं एवं पत्रकारिता के विद्यार्थी सम्मिलित हुए आयोजन में विषय पर बातचीत रखते हुए वरिष्ठ पत्रकार शिव दुबे ने कहा की पत्रकारिता में तकनीकी ज्ञान बेहद आवश्यक है।
जिसे तकनीकी ज्ञान नहीं होगा वह पत्रकारिता में टिक नहीं पाएगा इसलिए नवोदित पत्रकारों को तकनीकी जानकारी हासिल करना जरूरी है उनका कहना था कि एक दौर था जब पत्रकारिता में कागज पेन का इस्तेमाल होता था बटर पेपर पर छपाई के लिए प्रिंट निकाल कर पेस्टिंग में पेज तैयार किए जाते थे लेकिन अब यह सारा कार्य कंप्यूटर में होता है पेज डिजाइन कंप्यूटर में किए जाते हैं उन्होंने कहा कि शुरुआत की पत्रकारिता को देखें तो शिलालेख से होती है जिसमें सूचना लिखी जाती रही फिर यह सूचना यूरोप में जब अखबार निकाला और कपड़े पर प्रकाशित किया गया तो सूचना लिखी गई फिर ब्लॉक बने और अब बटर पेपर पर प्रिंट आने लगा है उनका कहना था कि तकनीकी क्षमता से पत्रकारिता के कार्य में गति आई है बदलाव आया है।
हर कार्य को आसानी से किया जा सकता है पहले अखबारों में प्रूफ संपादक हुआ करते थे अब नहीं है उनका काम आप रिपोर्टर ही करता है खबर लिखना है स्वयं पढ़कर सुधार कर उप संपादक तक पहुंचना है और फिर खबर फाइनल होकर आगे की स्तर पर पहुंचती है शिव दुबे ने कहा कि तकनीक से भागने की आवश्यकता नहीं है स्वीकार करने की आवश्यकता है।
पुराने पत्रकारों में जिन्होंने पत्रकारिता में तकनीक को स्वीकार किया आज भी पत्रकारिता में मौजूद हैं और जो स्वीकार नहीं कर सके वह पत्रकारिता की मुख्य धारा से हट चुके हैं इसलिए तकनीकी ज्ञान आवश्यक है उन्होंने कहा कि तकनीकी ज्ञान से एक पत्रकार में ज्ञान की वृद्धि होती है दक्षता में वृद्धि होती है और टिकाऊ पत्रकारिता में मदद मिलती है ए आई के उपयोग में इसे और गंभीर बना दिया है।
मजबूती प्रदान की हैउन्होंने कहा की पत्रकारिता में रिपोर्ट की संख्या कम हो गई वह इसलिए क्योंकि तकनीक के इस्तेमाल बढ़ गया है किंतु आवश्यकता खत्म नहीं हुई है जहां पर पहले 27 रिपोर्टर काम करते थे अब 10 या 12 रिपोर्टर काम करते हैं यह एक बड़ी चुनौती है इसका मतलब नहीं की आवश्यकता खत्म हो गई प्रिंट मीडिया में पत्रकारों कीआवश्यकता है लेकिन ऐसे पत्रकारों की आवश्यकता है जो तकनीकी ज्ञान रखते हैं और अपडेटेड रहते हैं वही महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी ने विषय को बेहद गंभीर और आवश्यक बताया उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मांग ने पत्रकारिता में बदलाव को लाया है जिसे हर पत्रकारिता के छात्रों को स्वीकार करना चाहिए तभी आने वाले समय में पत्रकारिता की चुनौती को स्वीकार किया जा सकेगा।
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