भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को भारत में निश्चित शर्तों के साथ अध्ययन, परीक्षण तथा विश्लेषण के लिए कोविड-19 रोधी टीके स्पूतनिक वी के उत्पादन की मंजूरी दे दी है।
नयी दिल्ली: भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को भारत में निश्चित शर्तों के साथ अध्ययन, परीक्षण तथा विश्लेषण के लिए कोविड-19 रोधी टीके स्पूतनिक वी के उत्पादन की मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुणे स्थित कंपनी ने अपने लाइसेंस प्राप्त हडपसर केंद्र में स्पूतनिक वी के उत्पादन के लिए रूस के गेमालिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायलॉजी के साथ साझेदारी की है।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट को भारत में कुछ शर्तों के साथ उसके लाइसेंस प्राप्त हडपसर केंद्र में अध्ययन, परीक्षण तथा विश्लेषण के लिए स्पूतनिक वी कोविड-19 टीके के उत्पादन की मंजूरी दे दी है।’’ कंपनी ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को डीसीजीआई को आवेदन दिया था। डीसीजीआई द्वारा तय शर्तों के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट को उसके और मॉस्को के संस्थान के बीच समझौते की प्रति जमा करनी होगी।
सीरम इंस्टिट्यूट अभी कोविशील्ड वैक्सीन बना रही है। कंपनी ने इस संबंध में गुरुवार को डीजीसीआई के पास आवेदन किया था। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, रूसी वैक्सीन को 21 दिनों के अंतराल में देने की जरूरत पड़ती है।
गमालेया के अनुसार, स्पूतनिक वी की दो डोज 91 फीसदी कारगर है। वहीं, एक डोज 79.4 फीसदी प्रभावी है। अभी डॉ. रेड्डीज लेबोरेट्रीज स्पूतनिक वी की मैन्यूफैक्चरिंग कर रही है। इस साल के अंत तक स्पूतनिक वी की 85 करोड़ डोज बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
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