0 पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने हिन्दी पखवाड़ा के दौरान आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को राजकोट में किया सम्मानित
लखनऊ, 27 सितंबर (वेदांत समाचार)। हिंदी दीर्घकाल से जन-जन के पारस्परिक संपर्क की भाषा रही है। इसी से हमारी पहचान बनती है। हमें राजभाषा हिंदी का प्रयोग करते हुए गर्व की अनुभूति भी होना चाहिए। हिन्दी अपनी सरलता, सुबोधता, वैज्ञानिकता के कारण ही आज विश्व में तीसरी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा है। उक्त उद्गार सौराष्ट्र व कच्छ परिक्षेत्र, राजकोट के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने डाक विभाग द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित हिंदी पखवाड़ा समारोह की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल ने क्षेत्रीय कार्यालय, राजकोट मंडल, प्रधान डाकघर राजकोट, रेल डाक सेवा मंडल, राजकोट में हिन्दी पखवाड़ा के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के 42 विजेताओं को पुरस्कृत किया।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि 75 साल पहले भारत की संविधान सभा ने परंपरा, संस्कृति, सभ्यता और स्वाधीनता के भाव की वाहक हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप स्वीकृति दी थी। ऐसे में जरूरत इस बात की है कि हम इसके प्रचार-प्रसार और विकास के क्रम में राजकीय आयोजनों के साथ ही अपनी दैनिक दिनचर्या से भी जोड़ें।
प्रवर डाक अधीक्षक, राजकोट एस के बुनकर ने बताया कि डाक विभाग की ओर से हिंदी पखवाड़े के दौरान हिन्दी श्रुतिलेख, हिन्दी सुलेखन, हिन्दी निबंध लेखन, हिन्दी टंकण, हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें सभी कर्मियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और हिन्दी पखवाड़े को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित कार्यक्रम के विजेताओं को भी इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सम्मानित किया। क्षेत्रीय कार्यालय मे हिंदी श्रुतिलेख प्रतियोगिता में नीतिका कुमारी , मंगल राम मीना, विष्णु कुमार मीना, हिन्दी सुलेखन प्रतियोगिता में वैभव एस पंचाल, दीपक एन सोलंकी, विष्णु कुमार मीना, हिन्दी निबंध लेखन प्रतियोगिता मे वैभव एस पंचाल, विष्णु कुमार मीना, नीतिका कुमारी, हिन्दी टंकण प्रतियोगिता मे नीरज राजदेव, शिवानी दवे, मौलिक विपाणी, हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता मे जी. वासुदेवमूर्ति, मधु मीना, धवन सांगाणी को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रवर डाक अधीक्षक एस के बुनकर, सहायक निदेशक एम एच हरन, आर आर विरड़ा, जे के हिंगोरानी, के एस ठक्कर, सीनियर पोस्टमास्टर अभिजीत सिंघ, लेखाधिकारी जुगल किशोर सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। समारोह का संचालन सहायक निदेशक राजभाषा जे के हिंगोरानी एवं धन्यवाद ज्ञापन सहायक निदेशक एम एच हरन ने किया।
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