कोरबा जिले में 15 बिस्तरों वाला एक नशा मुक्ति केंद्र होगा स्थापित, संचालन के लिए 10 अक्टूबर तक आवेदन

कोरबा, 25 सितंबर (वेदांत समाचार)। कोरबा जिले में 15 बिस्तरों वाला एक नशा मुक्ति केंद्र स्थापित होना है। इसके संचालन के लिए 10 अक्टूबर तक आवेदन जमा करना होगा। आवेदक के लिए आवश्यक है कि -समाज कल्याण विभाग से मान्यता प्राप्त स्वैच्छिक संस्था हो (जिन्हें नशामुक्ति के क्षेत्र में न्यूनतम 03 वर्षों से कार्य करने का अनुभव हो) अथवा धर्मार्थ निजी चिकित्सालय अथवा शासकीय चिकित्सालय अथवा समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुमोदित अन्य अभिकरण।

गौरतलब है कि प्रदेश व जिला के विभिन्न क्षेत्रों में मुख्यतः शराब, गांजा, बीड़ी, तम्बाकू सिगरेट, गुडाखू, मुनक्का, ब्राऊन शुगर, हेरोईन, स्मैक, तम्बाकू निर्मित अन्य मादक पदार्थ, नशीली दवाईयां आदि नशा के रूप में प्रयुक्त होते हैं। इससे जनसामान्य में मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षति परिलक्षित हुई है।
मादक द्रव्यों एवं पदार्थों के उपयोग की रोकथाम, नशा पीड़ितों को नशामुक्त करने तथा नशापान के दुष्परिणामों के प्रति जनचेतना विकसित करने के लिए 15 बिस्तरों का एकीकृत पुनर्वास केन्द्र (नशामुक्ति केन्द्र) की स्थापना सामान्यतः शासकीय चिकित्सालयों अथवा जिला मुख्यालयों में उपयुक्त स्थलों पर करना है।

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केन्द्र की क्षमता एवं कार्य :-


नशामुक्ति केन्द्र में 15 नशा पीड़ितों को 01 माह तक आवासित किया जाएगा। जहां विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा उनकी चिकित्सा की जाएगी। केन्द्र में बड़ा हॉल, फिजियोथैरेपी ‘कक्ष, योगा कंक्ष, रसोई, शौचालय, स्नानागार, कार्यालय कक्ष आदि होगा। नशा पीड़ितों के मानसिक एवं शारीरिक व्यवहार के अनुसार सुरक्षा की आवश्यक व्यवस्था की जाएगी किन्तु उन्हे किसी भी स्थिति में शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा अपितु मनोचिकित्सक, द्वारा उनका समुचित उपचार किया जाएगा।

केन्द्र में प्रतिदिन निम्नानुसार मुख्यतः अन्य कार्य किए जायेंगे :-

  1. योग शिक्षक के मार्गदर्शन में उपयुक्त योगाभ्यास।
  2. नशा पीड़ित चाहे तो उनके धर्म के अनुसार उन्हें प्रार्थना, पूजा पाठ आदि के अवसर।
  3. आवश्यकतानुसार भौतिक चिकित्सा हेतु ।
  4. नशापान के दुष्प्रभावों को न्यून करने हेतु उपचार की व्यवस्था।
  5. नशा पीड़ित की क्षमता एवं योग्यतानुसार कौशल उन्नयन प्रशिक्षणः।
  6. विषय विशेषज्ञों का व्याख्यान, इण्डोरगेम आदि।