उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में मुख्यमंत्री का काफिला निकलते समय बड़ी सुरक्षा चूक देखने को मिली. मुख्यमंत्री का काफिला निकलते समय अचानक डिवाइडर के दूसरी तरफ से एक तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर गाड़ी आ गई. फॉर्च्यूनर गाड़ी में पीछे नंबर प्लेट भी नहीं थी.
आगे की नंबर प्लेट भी बिना एचएसपी वाली थी. तेज रफ्तार में आ रही फॉर्च्यूनर गाड़ी देखकर पुलिस कर्मियों के हाथ-पैर फूल गए.
सीएम की सुरक्षा में तैनात पुलिसर्मियों नें आनन-फानन में गाड़ी रुकवाई और उसमें सवार लोगों से पूछताछ शुरू कर दी. इसके बाद इन सभी को हिरासत में ले लिया और पूछताछ जा रही है. बाराबंकी में नगर कोतवाली के ठीक सामने से सीएम की फ्लीट निकलते समय यह घटना हुई है.
योगी ने कहा कि भाजपा के शासन में बिना भेदभाव शासन की योजनाओं का लाभ हर तबके तक पहुंच रहा है तो स्वतंत्र भारत में इसके लिए जिस प्रखर प्रवक्ता का नाम आया है, वह पं. दीनदयाल उपाध्याय हैं. उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय ने सात दशक पहले जो सपने देखे थे, उसे साकार करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है.
बाराबंकी क्यों थे सीएम?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती की पूर्व संध्या पर मंगलवार को बाराबंकी के विजय पार्क में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया. योगी ने साथ ही राजकीय इंटर कॉलेज में पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन और प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय की बात करते हुए कहा था कि आर्थिक उन्नति व प्रगति का मानक ऊंचे पायदान पर खड़े व्यक्ति से नहीं, बल्कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति से की जानी चाहिए
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