जिला अस्पताल को 100 बिस्तर अस्पताल के रूप में विकसित करने भेजे प्रस्ताव : कलेक्टर

एक महीने के भीतर जीवनदीप समिति अंतर्गत पिछले पांच वर्ष के आय-व्यय का करवाये ऑडिट

गरियाबंद 24 सितंबर (वेदांत समाचार)। कलेक्टर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला अस्पताल के सभाकक्ष में जीवनदीप समिति अंतर्गत कार्यकारिणी सभा की बैठक आयोजित हुई । बैठक में कलेक्टर ने जीवनदीप समिति के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों एवं विभिन्न एजेंडाओं पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने बैठक में मरीजों के ईलाज की बेहतर सुविधा एवं जिला अस्पताल में पर्याप्त बिस्तरों की उपलब्धता के लिए जिला अस्पताल को 100 बिस्तर अस्पताल के रूप में विकसित करने के लिए प्रस्ताव राज्य शासन को भेजने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने बैठक में जीवनदीप समिति के बजट की जानकारी लेते हुए आय-व्यय एवं समिति द्वारा नियुक्त कर्मचारियों पर खर्च राशि की भी जानकारी ली। उन्होंने समिति अंतर्गत पिछले पांच वित्तीय वर्ष के आय-व्यय का ऑडिट एक महिने के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने हाऊस किपिंग एवं सिक्योरिटी गार्ड के लिए वर्तमान एजेंसी की निविदा समाप्त करते हुए नई एजेंसी की सेवाएँ लेने के लिए 15 दिन के भीतर टेंडर जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने समिति द्वारा नियुक्त कर्मचारियों से भी चर्चा की तथा उन्हें निर्धारित वेशभूषा यूनिफार्म में ड्यूटी करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने अस्पताल में कार्यरत सभी कर्मियों के लिए आईडी कार्ड भी जारी करने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने बैठक में अस्पताल के लिए जरूरी वार्ड बॉय, वार्ड आया एवं धोबी रखने के प्रस्ताव पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये। इस दौरान बैठक में एसडीएम राकेश गोलछा, सीएमएचओ डॉ गार्गी यदु पाल, सिविल सर्जन डॉ. मुकेश हेला, डॉ हरीश चौहान, सहित समिति के सदस्यगण एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

जीवनदीप समिति की बैठक में कलेक्टर श्री अग्रवाल ने अस्पताल में सभी सुविधाएं व्यवस्थित करने के निर्देश देते हुए मरीजों के ईलाज में कोताही नहीं बरतने को कहा। उन्होंने अस्पताल में रखे हुए कंडम सामग्रियों के निष्पादन, सुव्यवस्थित पार्किंग स्टैण्ड, साफ-सफाई व्यवस्था, ऑक्सीजन प्लांट सक्रियता, सुरक्षा व्यवस्था एवं परिसर में पर्याप्त लाइटिंग करने के भी निर्देश दिये। कलेक्टर ने अस्पताल में संचालित मेडिकल स्टोर्स संचालकों से भी जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल में चौबीसों घंटे दवाई दुकानों के संचालन करने के निर्देश दिये। साथ ही पर्याप्त मात्रा में सभी प्रकार की दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।