डेस्क। भारत में चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को पितृ पक्ष के पहले दिन लगने वाला है। चंद्र के दिन शनि उलटी गति से कुंभ में संचरण करेंगे। राहु की स्थिति चंद्रमा के साथ ग्रहण योग बनाने की होगी। ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि ग्रहण योग अशुभ होता है। खगोल शास्त्री भी इस घटना को लेकर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं। इस आर्टिकल में चंद्र ग्रहण का समय, ग्रहों की स्थिति व हर जानकारी आपको बताई गई है।
चंद्र ग्रहण 2024 का समय क्या होगा
18 सितंबर को सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर उपछाया चंद्र ग्रहण की शुरूआत होगी। सुबह 7 बजकर 42 मिनट पर आंशिक चंद्र ग्रहण लग जाएगा। सुबह 8 बजकर 14 मिनट पर यह अपने उच्च स्तर पर होगा। सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर उपछाया ग्रहण खत्म हो जाएगा।
क्या भारत में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को भारत में सुबह लगेगा। ऐसे में इस खगोलीय घटना को भारत में देखना बहुत मुश्किल होगा, इसलिए चंद्र ग्रहण भारत में नहीं आ पाएगा।
आखिर क्यों लगता है चंद्र ग्रहण
आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर चंद्र ग्रहण क्यों लगता है। यह एक खगोलीय घटना है, जिसमें सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है। ऐसा होने पर चंद्रमा की सतह पर छाया आ जाती है। ऐसा होने पर पू्र्ण, आशिंक और उपछाया ग्रहण लगने की स्थिति बन जाती है।
पितृ पक्ष के पहले दिन चंद्र ग्रहण पड़ने से क्या होगा असर
18 सितंबर को पितृ पक्ष का पहला दिन पड़ रहा है। इसी दिन चंद्र ग्रहण के पड़ने से इसका महत्व बढ़ रहा है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि चंद्र ग्रहण सकारात्मक नहीं होता है। इसका होना अशुभ समझा जाता है। भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। ऐसे में इसका सीधा प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।
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