विश्व ओजोन दिवस: प्रकृति के प्रति जागरूकता और संरक्षण का अवसर, हर कदम पर ओजोन का ध्यान रखो, ताकि पृथ्वी बनी रहे स्वस्थ और हरी भरी – डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा, 16 सितंबर (वेदांत सामाचार) विश्व ओजोन दिवस हर साल 16 सितंबर को जागरूकता फैलाने और ओजोन परत की कमी की ओर ध्यान खींचने के लिए मनाया जाता है। यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह परिवार, दोस्तों और परिचितों के साथ अपने ग्रह पृथ्वी को अपना योगदान देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।

ओजोन परत की कमी से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है, सर्दियों की तुलना में अधिक गर्मा रहता है, सर्दियाँ अनियमित रूप से आती हैं और हिमखंड गलना शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा ओजोन परत की कमी स्वास्थ्य और प्रकृति के लिए खतरा है।

इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने अनेक आकर्षक पोस्टर बनाकर एवं एक से बढ़कर एक प्रेरक स्लोगन लिखकर ओजोन परत के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया। विद्यार्थियों के द्वारा बनाए गए पोस्टर में धरती माँ का दर्द झलक रहा था।

डॉक्टर संजय गुप्ता प्राचार्य आईपीएस दीपका ने कहा, “आज के इस विज्ञान के युग में हमें चाहिए कि हम विभिन्न सोशल साइटों का भी इस्तेमाल करके ओजोन परत की सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाएं और प्रकृति को सुंदर और खुशहाल बनाए।”

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

  • ओजोन परत की कमी से पराबैंगनी किरणें सीधे धरती पर पहुँचती हैं।
  • पराबैंगनी किरणें त्वचा और आँखों को नुकसान पहुँचाती हैं।
  • ओजोन परत की कमी से तापमान में वृद्धि होती है।
  • ओजोन परत की कमी से ऋतुचक्र में अनियमितता होती है।
  • हमें प्रकृति के संसाधनों का उपयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए।

संरक्षण के उपाय:

  • गाड़ियों का सीमित उपयोग करें।
  • साईकल को बढ़ावा दें।
  • पर्सनल कार की जगह यथासंभव एक ही वाहन से कई लोग सीट सांझा कर सकते हैं।
  • आसपास के प्रत्येक कार्य हेतु बाइक या कार की जगह साईकल का उपयोग करें।
  • आसपास कोई कोयले जलाकर या लकड़ी जलाकर खाना पकाता हो तो उन्हें गैस इस्तेमाल किये जाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।