अब सिम खरीदने की प्रक्रिया होगी पेपरलेस, दूरसंचार विभाग ने बदले नियम

नई दिल्ली । अगर आप नया सिम कार्ड खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। दूरसंचार विभाग ने सिम कार्ड खरीदने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिसके तहत सिम कार्ड खरीदने की प्रक्रिया अब पूरी तरह से पेपरलेस हो गई है। अब आपको सिम कार्ड लेने या ऑपरेटर बदलने के लिए कागजी दस्तावेज़ देने की आवश्यकता नहीं होगी।

दूरसंचार विभाग ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से नए नियमों की घोषणा की है। इसमें बताया गया है कि अब यूजर्स अपने डॉक्यूमेंट्स को खुद ही डिजिटल रूप से वेरीफाई कर सकेंगे। यह कदम यूजर्स के निजी दस्तावेजों के गलत इस्तेमाल और फर्जीवाड़े को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है, साथ ही डिजिटल इंडिया पहल के तहत प्रक्रिया को अधिकतम डिजिटल बनाने पर जोर दिया गया है।

अब सिम कार्ड खरीदने के लिए ई-केवाईसी और सेल्फ-केवाईसी का इस्तेमाल


दूरसंचार विभाग ने नए टेलीकॉम सुधार के तहत ई-केवाईसी (Know Your Customer) और सेल्फ-केवाईसी की सुविधा शुरू की है। अब सिम कार्ड खरीदने के लिए यूजर्स को केवल आधार कार्ड का उपयोग करना होगा। आधार बेस्ड पेपरलेस वेरिफिकेशन फीचर के जरिए टेलीकॉम कंपनियां डॉक्यूमेंट को सत्यापित करेंगी, जिसमें सिर्फ 1 रुपये (जीएसटी सहित) का खर्च आएगा।

इसके अलावा, प्रीपेड से पोस्टपेड में या पोस्टपेड से प्रीपेड में नंबर स्विच करने के लिए भी अब यूजर्स को टेलीकॉम ऑपरेटर के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। यह पूरी प्रक्रिया ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आधारित वेरिफिकेशन से पूरी की जा सकेगी, जिससे समय और कागजी दस्तावेज़ की आवश्यकता खत्म हो जाएगी।

फर्जी सिम कार्ड जारी होने पर लगेगी रोक


दूरसंचार विभाग ने यह नया नियम इसलिए भी लागू किया है ताकि किसी के नाम पर फर्जी सिम कार्ड जारी होने की घटनाओं पर रोक लग सके। अब, बिना किसी फोटोकॉपी या दस्तावेज़ की आवश्यकता के, यूजर्स डिजिलॉकर जैसे प्लेटफार्म का उपयोग करके खुद से अपना केवाईसी वेरीफाई कर सकेंगे, जिससे निजी जानकारी सुरक्षित रहेगी।

टेलीकॉम ऑपरेटर के पास जाने की जरूरत नहीं


यह नया नियम टेलीकॉम ऑपरेटरों से जुड़ी कई प्रक्रियाओं को भी आसान बनाता है। यदि कोई यूजर अपना कनेक्शन प्रीपेड से पोस्टपेड में या पोस्टपेड से प्रीपेड में बदलना चाहता है, तो वह ओटीपी आधारित वेरिफिकेशन से यह कार्य ऑनलाइन कर सकेगा, जिससे टेलीकॉम ऑपरेटर के ऑफिस जाने की जरूरत समाप्त हो जाएगी।

इस नई प्रक्रिया के माध्यम से, यूजर्स के समय और कागजी दस्तावेज़ की जरूरत में कटौती होगी और सुरक्षा भी बढ़ेगी।