गुरदीप सिंह,कोरबा,15 सितंबर । जिले में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है, जो हर दिन हर मोहल्ले-गली में किसी न किसी को काटते हैं। नगर निगम की लापरवाही के कारण डाग बाइट के मामले बढ़ने के साथ ही इनकी संख्या में तेज गति से बढ़ोतरी हो रही है।
शहर के विभिन्न मोहल्लों में आवारा कुत्तों के झुंड देखे जा सकते हैं, जो आक्रमक होते हैं और बाइक सवार, पैदल राहगीर या चारपहिया वाहनों के पीछे दौड़ते हैं। यह स्थिति शहर और ग्रामीण अंचल दोनों जगहों में है।
लोगों का कहना है कि मांस मटन की दुकानें आवारा कुत्तों के बढ़ने का बड़ा कारण हैं। इन दुकानों से निकले अपशिष्ट को जहां तहां फेंक दिया जाता है, जिसे लेकर कुत्तों में लड़ाईयां होती रहती हैं और वे आक्रमक हो जाते हैं।
शहर में 100 से ज्यादा बड़े झुंड हैं, जिनमें कम से कम डेढ़ से दो दर्जन तक के कुत्ते रहते हैं। इन पर लगाम लगाना बेहद जरूरी हो गया है, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।
बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे आसानी से डाग बाइट का शिकार हो जाते हैं, क्योंकि हमला होने की दशा में वे जल्द से जल्द भाग नहीं पाते हैं। अस्पताल पहुंचने वाले अस्सी फीसदी से ज्यादा मामलों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे ही इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते हैं।
[metaslider id="347522"]