रायपुर,13 सितम्बर । 2015 में अभिनेता अक्षय कुमार की एक फिल्म आई थी गब्बर इज बैक। ठीक इसी फिल्म की तरह रायपुर के एक निजी अस्पताल से मामला सामने आया है। दरअसल, सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक रोते हुए रायपुर के एक प्रतिष्ठित अस्पताल और एयर एंबुलेंस कंपनी पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगा रहा है। वीडियो में युवक यह कहता नजर आ रहा है कि एयर एंबुलेंस और अस्पताल की लापरवाही से उसकी मां की मौत हो गई। इस लापरवाही पर युवक ने हॉस्पिटल और एयर एंबुलेंस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस वीडियो में युवक के साथ परिवार के अन्य सदस्य भी नजर आ रहे हैं। फिलहाल यह वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।
10 दिन इलाज के बाद अस्पताल ने हैदराबाद ले जाने के लिए कहा
दरअसल, वीडियो में रायपुर के ओम खेमानी ने बताया कि उसकी मां भारती देवी को दो सितंबर को अस्पताल में एडमिट किया गया था। 10 दिन तक इलाज करने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने कहा, आपकी मां का इलाज यहां नहीं हो पाएगा।। आप इन्हें हैदराबाद ले जाइए। इन 10 दिनों में अस्पताल ने इलाज के लिए 10 लाख रुपये भी ले लिए।
अस्पताल ने कहा, एयर एंबुलेंस से आप इन्हें हैदराबाद ले जा सकते हो। जब मैंने एयर एंबुलेंस कंपनी से बात की तो उन्होंने 6 लाख रुपये की मांग की। एयर एंबुलेंस कंपनी को सुबह 6 लाख रुपये देने के बाद मां को एंबुलेंस में आए। लेकिन उस वक्त न तो कोई डॉक्टर था और न ही उसकी कोई मशीन काम कर रही थी।
एयर एंबुलेंस कंपनी में मिली गंभीर खामियां
वीडियो में ओम ने बताया कि जैसै-तैसे जब हम रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पहुंचने से पहले एयर एंबुलेंस कंपनी ने मरीज के साथ परिवार के दो लोगों को साथ जाने की बात कही थी, लेकिन एयरपोर्ट पहुंचने पर कंपनी ने कहा, मरीज के साथ केवल एक परिजन जा सकता है।
इसके बाद हैदराबाद के लिए उड़ान भरने के बाद कंपनी का एयर एंबुलेंस विमान को 15 मिनट बाद वापस रायपुर में लैंड करा दिया गया। इस बीच मां की तबीयत बिगड़ने पर आनन-फानन में कंपनी के एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया। लेकिन बीच रास्ते में ही मां ने दम तोड़ दिया।
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
ओम खेमानी ने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन मशीन खराब होने के कारण मां को ऑक्सीजन सप्लाई नहीं मिल पाई, जिसके चलते मेरी मां की मौत हो गई। परिजनों ने हॉस्पिटल और एयर एंबुलेंस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वे चाहते हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और मरीज के परिवार को न्याय मिले।
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