सरगुजा 8 सितंबर (वेदांत सामाचार)। सरगुजा जिले के विकासखंड सीतापुर अंतर्गत आने वाले जनपद पंचायत बतौली के ग्राम सिलसिला स्थित मां कुदरगढ़ी एलुमिना हाइड्रेट प्लांट में आज रविवार सुबह 12:00 के दरमियान बायलर का कोयला बंकर अचानक तेज आवाज के साथ टूटकर गिर गया। घटना के दौरान सात श्रमिक कोयला उठाने का काम कर रहे थे तभी यह हादसा हुआ और सातोंके सात दब गए जहां पास ही और श्रमिक कार्य कर रहे थे वह तत्काल दवे श्रमिकों को निकाल कर एंबुलेंस के माध्यम से जिला अस्पताल अंबिकापुर भेजो जहां इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल दो लोगों ने दम तोड़ दिया वहीं दो का उपचार जारी है। वही एक मजदूर के घटनास्थल पर ही मौत होने की खबरमिल मिल रही है परंतु अभी तक राहत कार्य में लगे पुलिस प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है की दबे हुए श्रमिक की मौत हो गई है अथवा जिंदा है। और प्रत्यक्ष दर्शियों की माने तो दबे हुए मजदूर की भी मौत हो गई है।इस तरह हादसे में तीन मजदूरों की मौत हो चुकी है। अभी तक कोयले के ढेर में दो से तीन मजदूर के दबे होने की बात कही जा रही है। इन्हें निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
घटना के संबंध में मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती घायल मजदूर अनमोल राजपूत मंडला मध्य प्रदेश निवासी ने बताया कि सुबह लगभग 12:00 बजे के आस पास कोयला बंकर और बायलर में सात मजदूर काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक बंकर तेज आवाज के साथ टूटकर गिर गया। इस दौरान अनमोल और उसका भाई प्रिंस राजपूत भी कोयले की ढेर की चपेट में आ गया। किसी तरह वहां मौजूद अन्य मजदूरों ने उन्हें बाहर निकाला और तत्काल इलाज के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल अंबिकापुर एम्बुलेंस से भेजा। इलाज के दौरान प्रिंस राजपूत और मनोज नामक मजदूर की मौत हो गई है। तीसरे मृतक की शिनाख्त नहीं हुई है। वह मलबे में दबा हुआ है। उसे बाहर निकालने का प्रयास जारी है। घटना स्थल पर प्रशासन व पुलिस के अधिकारी मौजूद हैं। बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ प्लांट के सामने डटी हुई है।
हादसा कैसे हुआ स्पष्ट नहीं हो सका है
हादसा कैसे हुई इसे लेकर अभी भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है, लेकिन मौके से जो जानकारी सामने आ रही है उसमें यह बताया जा रहा है कि अभी भी कोयला बंकर में काम कर रहे तीन-चार मजदूर कोयला के मलबे में दबे हुए हैं। प्लांट प्रबंधन मलबे में दबे मजदूरों को निकालने के लिए जेसीबी व अन्य मशीनों का उपयोग कर रहा है। बायलर के गर्म होने के कारण राहत कार्य में दिक्कत आ रही है।
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