मैं आभारी हूँ उस गुरू का जिसने अपने ज्ञान से मेरे अंधकारमय जीवन को प्रकाशमय बनाया – डॉक्टर संजय गुप्ता

कोरबा, 04 सितंबर (वेदांत सामाचार)। शिक्षा जगत में विगत 30 से 40 वर्षों में एक नामचीन शख्सियत ने अपनी खास जगह बनाई है जो किसी परिचय के मोहताज नहीं है । जिन्होंने अपनी विशिष्ट कार्यशैली एवं रचनात्मकता के कारण प्रत्येक के हृदय में एक अद्वितीय व अमिट छाप छोड़ी है, जी हाँ डॉ. संजय गुप्ता जो अपनी शालीनता व आकर्षक व्यवहार से सभी को अपना मुरीद बनाते हैं । शिक्षा के क्षेत्र में इनका योगदान अतुलनीय है । इन्होंने कई विद्यालय संस्थानों के अपनी विशिष्ट व बेहतर प्रबंधन तथा संचालन के बलबूते धरातल से शिखर तक पहुँचाया है । वे एक अच्छे अध्यापक होने के साथ ही साथ एक अच्छे व्यक्ति भी हैं। डॉ. संजय गुप्ता से बेहतर कौन जान सकता है कि विद्यालय मात्र ईंट और सीमेंट व कांक्रीट से बना भवन नहीं है अपितु विद्यालय के संचालन में प्रबंधन, शिक्षक, छात्र व अभिभावकों के मध्य कुशल व बेहतर सामंजस्य का होना आवश्यक है ।

डॉ. संजय गुप्ता ने पिछले 40 वर्षों से आज तक सफलता पूर्वक विद्यालय का निर्बाध रूप से संचालन कर अपनी बुध्दिमत्ता, कुशलता का काबिलियत का लोहा मनवाया है ।
शिक्षा – डॉ. संजय गुप्ता गणित में परास्नातक तो हैं ही साथ ही डी.लिट व पी.एच.डी. की डिग्री भी हासिल कर अपने ज्ञान में इजाफा किया है ।
विद्यालय प्रबंधन- डॉ. संजय गुप्ता विद्यालय में प्रत्येक व्यक्ति के हितों का विशेष खयाल कर शिक्षण प्रक्रिया के अनवरत संचालन में विश्वास रखते हें । वे शिक्षक छात्र और अभिभावकों के मध्य बेहतर सामंजस्य की स्थापना में प्रयासरत रहते हैं । उनकी कार्यशैली से सभी विद्यार्थी व कर्मचारी संतुष्ट रहते हैं । विद्यालय प्रबंधन व सामंजस्य ही, किसी भी शिक्षण संस्था के लिए अतिआवश्यक होता है जिसमें डॉ. संजय गुप्ता दक्ष है ।


विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति-
डॉ. संजय गुप्ता जिस भी विद्यालय में अपनी सेवा देते हैं वहाँ वे सर्वप्रथम शिक्षण व शिक्षक की गुणवत्ता पर फोकस करते हैं । इनकी देखरेख में संचालित इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में बेहतरीन टीचिंग स्टॉफ कार्यरत है जो हमेशा अपना 100 प्रतिशत देने हेतु प्रयासरत् रहते हैं । सभी टीचिंग स्टॉफ उच्च शिक्षित व प्रशिक्षित हैं ।
पुरस्कार – डॉ. संजय गुप्ता, प्राचार्य, इंडस पब्लिक स्कूल दीपका को उनकी कार्यशैली व शिक्षण प्रक्रिया की उच्च गुणवत्ता तथा इनोवेशन हेतु बेस्ट प्रिंसिपल अवार्ड, विजनरी अवार्ड, शिक्षक रत्न सम्मान ,भारतीय शिक्षा रत्न सम्मान जैसे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है ।


सीबीएसई मान्यता-
विद्यालय को सीबीएसई 11 एवं 12 वीं मान्यता दिलाने में भी इनका विशेष योगदान रहा । विद्यालय को सीबीएसई के प्रत्येक मापदंड में खरा उतारकर अंततः 12 वीं तक की मान्यता मिल गई । इंडस पब्लिक स्कूल दीपका अब कक्षा 12 वीं तक की कक्षाएँ संचालित है ।
शिक्षा की गुणवत्ता- इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में डॉ. संजय गुप्ता के नेतृत्व व प्रबंधन के फलस्वरूप उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है । यहाँ न सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान अपितु विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर फोकस किया जाता है । यहाँ विद्यार्थियों की रूचि के अनुसार सतत् रूप से म्यूजिक, डाँस, योगा, जूडो कराटे, के साथ ही साथ विभिन्न खेलों, जैसे-क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, शतरंज सहित सभी खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है ।


साथ ही इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों को डॉ. संजय गुप्ता करके सीखने का भी अवसर देते हैं, वे पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही साथ व्यवहारिक ज्ञान को भी महत्व देते हैं । वे विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण कर सीखने का अवसर देते हैं । साथ ही यहाँ के विद्यार्थी विभिन्न सामाजिक सहभागिता के भी कार्य करते हैं व समाज में जागरूकता लाने का प्रयास करते हैं । जैसे-स्वच्छ भारत मिशन, भ्रष्टाचार उन्मूलन, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ इत्यादि ।


उपरोक्त सभी बातें संभव होती है एक कुशल व सुलझे हुए नेतृत्वकर्ता की बदौलत और यही बातें डॉ. संजय गुप्ता को आम से खास बनाती है । डॉ. संजय गुप्ता ने डीएव्ही कुसमुण्डा से गणित शिक्षक के रूप में अपने सफर की शुरूआत की तत्पश्चात डी.डी.एम. कोरबा को अपनी विशेष कार्यशैली की बदौलत शीर्ष पर पहुँचाया और अभी वर्तमान में विद्यालय की नींव रखकर दीपका क्षेत्र के इंडस पब्लिक स्कूल को बहुत ही कम समय में अपनी विशिष्ट प्रबंधन व उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रक्रिया के फलस्वरूप प्रसिध्दि व कामयाबी के शिखर को स्पर्श कराने में प्रयासरत है । डॉ. संजय गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन व नेतृत्व कौशल के कारण इंडस पब्लिक स्कूल दीपका आज हर किसी का पसंद है यह विद्यालय किसी परिचय का मोहताज नहीं है ।
विद्यालय की स्थापना सन् 2016 से आज तक इंडस पब्लिक स्कूल के साथ कार्य करने का अनुभव उम्दा रहा । विद्यार्थियों और अभिभावकों के साथ संबंध तो मधुर बने ही हैं साथ ही एकेडेमिक.कोऑर्डिनेटर के रूप में इंडस पब्लिक स्कूल जैसी उच्चकोटि की संस्था में कार्य कर गर्व का अनुभव होता है । इस पद पर विश्वास पूर्वक प्रभार प्रदान करने हेतु सम्माननीय डॉ. संजय गुप्ता का हृदय से धन्यवाद । विश्वास दिलाया हूँ कि मैं इस पद की प्रतिष्ठा और गरिमा को बरकरार रखूंगा । हॉलाँकि पिछले कुछ वर्षों से अदृश्य वैश्विक महामारी के कारण विद्यालय के पट बंद रहे, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई के विकल्प ने जानकारी और रचनात्मकता के नए द्वार भी खोले । प्रारंभ में कुछ परेशानियों हुई पर धीरे से सभी कुछ सही हो गया । ऑनलाइन स्टडी से जहाँ एक ओर शिक्षकों में क्रिएटिविटी डेवलप हुई वहीं विद्यार्थी भी किसी भी विषय को इंटरनेट के माध्यम से गहराई से समझने लगे । शिक्षक भी नए.नए आइडियाज के माध्यम से बच्चों की जानकारी में इजाफा करते रहे । कहा भी जाता है हर विपदा एक अवसर लेकर आती है । इंडस पब्लिक स्कूल ने इस विपदा का 100 प्रतिशत लाभ उठाया और विद्यार्थियों को ऑनलाइन स्टडी की सुविधा सतत् रूप से प्रदान कर शिक्षा से जोड़े रखा । इस विद्यालय में विद्यार्थियों की शिक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाता एवं उनके सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर दिया जाता है । कहा भी गया है.शिक्षक वह किसान है, जो दिमाग में ज्ञान के बीज बोता है ।
श्री सब्यसाची सरकार
शैक्षणिक प्रभारी
इंडस पब्लिक स्कूल, दीपका

‘‘आपदा में सीखने का अवसर ऑनलाइन शिक्षा था एक बेहतर विकल्प‘‘- श्रीमती सोमा सरकार
शुरूवात में इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करनाए मेरे लिए चुनौतियों से भरा हुआ था परंतु धीरे.धीरे इंडस पब्लिकस्कूल दीपका में कार्य करने वाले तकनीकी जानकार एवं अन्य सहयोगियों की मदद से मैनें काफी हद तक कुशलतापूर्वक अपनी ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करना सीखा । इस यात्रा के दौरान मुझे ऑनलाइन शिक्षण की अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा जैसे बच्चों के अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन न होना,इंटरनेट की उचित सुविधा न होना इत्यादि । नेटवर्क संबंधित समस्या का सामना करना पड़ा । परंतु एक शिक्षिका होने के नाते सभी चुनौतियों व समस्या का समाधान करते हुए ऑनलाइन शिक्षण को बच्चों तक पहुँचाना मेरा प्रथम कार्य था । प्रत्येक पाठ पर ट्यूटोरियल विडियो बनवाती थी और उसे छात्रों के व्हाट्सअप समूह में पोस्ट करती थी ताकि के छात्र जो नेटवर्क की समस्याओं के कारण कक्षा में शामिल होने में विफल रहे वे विडियो देखने के बाद पाठ को समझ सके । एक इंटरैक्टिव कक्षा का माहौल बनाने के लिए शिक्षकों को अपने मोबाइल को हमेशा नेटवर्क मोड पर रखना भी चुनौती थी । मैनें इस असामान्य समय के सभी उतार.चढ़ाव में बहुत कुछ सीखा है । कई चुनौतियों आई है, परंतु बड़ी मात्रा में सकारात्मकता भी मिली है ।
बच्चों के लिए आई.सी.टी. का किताबी ज्ञान अब व्यवहारिक बन गया और बच्चे तकनीकी ज्ञान सीख गये । हमें भी अपने विषय ज्ञान में सुधार करने और उच्च गुणवत्ता वाले संसाधनों की योजना बनाने में मदद मिली है । अतः मेरा यह सदैव प्रयास रहेगा कि इंडस पब्लिक स्कूल में विद्यार्थियों के लिए सीखना व सीखाना निरंतर चलता रहे और तकनीकी उपकरण से शिक्षण को मजेदार बनाया जा सके ताकि इंडस पब्लिक स्कूल के छात्रों के विकास के साथ-साथ प्रदेश और देश का भी विकास हो ।
श्रीमती सोमा सरकार
शैक्षणिक प्रभारी,प्राइमरी एवं प्री प्राइमरी, इंडस पब्लिक स्कूल दीपका

शिक्षक वह किसान है जो दिमाग में ज्ञान के बीज बोता है । सचिन लकरा,शिक्षक, इंडस पब्लिक स्कूल दीपका
ऑनलाईन अपनी सुविधा और आसान संचालन की प्रक्रिया से अधिक लोकप्रिय हो रहा है। प्राकृतिक आपदा या आपातकाल की स्थिति में ऑनलाईन अध्ययन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।अभी के हालात को देखते हुए ऑनलाईन शिक्षा की प्रक्रिया स्कूली शिक्षा के लिए सुरक्षित विकल्प है। ऑनलाईन अध्ययन का माध्यम शिक्षा और तकनीकी का एक संलयन है।शिक्षा के क्षेत्र में यह प्रणाली किसी क्रांति से कम नहीं है।इस माध्यम से शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के लिए सृजनात्नकता और रचनात्मकता की अपार संभावनाएँ मौजूद होती हैं।बेहतर तकनीकी के इस्तेमाल से हम शिक्षण को और अधिक प्रभावशाली बना सकते हैं।ऑनलाईन शिक्षा का सबसे बड़ा लाभ शिक्षण और परिणाम की पारदर्शिता है,जिससे कि अभिभावक भी संतुष्ट हो जाते हैं और विद्यालय,शिक्षक,छात्र तथा अभिभावक की त्रिआयामी श्र्ंखला का बेहतर सामंजस्य परिलक्षित होता है।इस शिक्षण से शिक्षक विद्यार्थियों की प्रत्येक समस्याओं का समसधान कई प्रकार से कर सकता है साथ विद्यार्थियों की झिझक भी दूर होती है।ऑनलाईन शिक्षा एक उत्कृष्ट शिक्षा का उदाहरण है।आखिर एक गुरु का प्रथम कर्तव्य अपने विद्यार्थियों की शिक्षण प्रक्रिया को विभिन्न विकल्पों का उपयोग कर निर्बाध रुप से बनाए रखना ही होता है।और 21वीं सदी में इंटरनेट जैसा बेहतर विकल्प हमारे पास है।लेकिन हमें यह भी स्मरण रखना होगा कि तननीकि हमारे लिए हो,हम तकनीकी के ना हों।
सचिन लकरा
शिक्षक, इंडस पब्लिक स्कूल दीपका

शिखर अर्थात सफलता तक ले जाता है वही सच्चा शिक्षक – श्रीमती मधुचंदा पात्रा
शिक्षण और शिक्षा एक सतत व व्यापक प्रक्रिया है । इंसान आजीवन कुछ न कुछ सीखता व समझता है । यदि बात करें गुरू की तो उनका स्थान कोई नहीं ले सकता वे हमें जिंदगी को सही मायने में जीना सिखाते हैं । यदि बात करें नन्हें-मुन्हें बच्चों को सिखाने की तो एक प्री-प्रायमरी शिक्षिका होने के नाते इंडस पब्लिक स्कूल में अपनी शिक्षण प्रक्रिया को जारी रखते हुए नन्हे-मुन्हें बच्चों को, बच्चा बनकर ही पढ़ाना सीखा, क्योंकि बच्चे अपने तरीके व अपनी भाषा में ही जल्दी सीखते हैं । बच्चों के चेहरे पर खिली निश्चल मुस्कान हमें सहसा अपनी ओर आकर्षित कर लेती है । एक शिक्षिका होने के नाते इंडस पब्लिक स्कूल की सेवा मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी । यहाँ अध्यापन कराते हुए मुझे अपना बचपन याद आ जाता है और मुझे अनेक अनुभव भी मिलते हैं । इस कोरोनाकाल में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से विभिन्न आयामों का उपयोग कर बालकों की शिक्षा से कोई समझौता नहीं किया । शिक्षक का अर्थ ही होता है शिखर तक ले जाने वाला, क्षमा की भावना रखने वाला व कमजोरी को दूर करने वाला अर्थात जो विद्यार्थी की हर गलती को क्षमा करने की भावना रखता है और उसकी हर कमजोरी दूर कर, उसको शिखर अर्थात सफलता तक ले जाता है वही सच्चा शिक्षक कहलाता है । सभी गुरूओं को मेरा शत-शत नमन ।
श्रीमती मधुचन्दा पात्रा
शिक्षिका प्री-प्रायमरी, इंडस पब्लिक स्कूल

अज्ञान को मिटा कर, ज्ञान का दीपक जलाया है, गुरू कृपा से मैंने ये अनमोल शिक्षा पाई ‘‘- श्रीमती स्वाती सिंह
समाज में शिक्षक का स्थान सबसे ऊंचा होता है।वह एक सम्माननीय व्यक्तित्व होता है।दुनिया के सभी प्रोफेशन एक शिक्षक ही निर्मित करता है।वह हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।सभी शास्त्रों में गुरु के महिमा का भरपूर बखान किया गया है।शिक्षक होना अपने आप।में गर्व का भाव पैदा करता है।