वैक्सीन से दो बच्चों की मौत, स्वास्थ्य मंत्री ने वैक्सीनेशन रोकने का आदेश दिया

राज्य स्तरीय जांच टीम गठित करने का भी आदेश जारी


रायपुर, 02 सितम्बर (वेदांत समाचार)। बिलासपुर जिले के कोटा में वैक्सीन के बाद दो बच्चों की मौत के मामले ने राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना के बाद सियासत भी गरमा गई है, और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी मौके पर पहुंचे। लेकिन इस गंभीर मामले में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बड़ा निर्णय लिया है।

स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य स्तरीय जांच टीम गठित करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने तक उस बैच की वैक्सीन का उपयोग तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जांच में किसी की लापरवाही सामने आती है, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का बयान


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि 30 अगस्त को कोटा के पटेता ग्राम के कोरिपारा आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण सत्र आयोजित किया गया था, जिसमें 8 बच्चों को टीका लगाया गया था। इनमें से 2 बच्चों की मौत हो गई—एक 2 दिन का बच्चा जिसे BCG वैक्सीन लगी थी, और एक 2 महीने का बच्चा जिसे Penta 1 वैक्सीन लगी थी। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि इन बच्चों की मृत्यु टीकाकरण के कारण नहीं हुई है।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि उस बैच की BCG वैक्सीन के 5000 डोज में से 3000 डोज और Penta 1 वैक्सीन के 10000 डोज में से 6000 डोज लगाए जा चुके हैं, और कहीं से भी कोई अन्य शिकायत नहीं मिली है। अन्य 6 बच्चों को जिला अस्पताल में निरीक्षण के लिए रखा गया है, और वे सभी स्वस्थ हैं।

दो दिन पहले हुई थी बच्चों की मौत


यह मामला तब सामने आया जब दो दिन पहले, पटैता के कोरीपारा गांव में टीकाकरण के बाद दो नवजात बच्चों की मौत हो गई। इस घटना के बाद 5 अन्य बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑब्जर्वेशन के लिए भर्ती किया गया। मृत बच्चों के चेहरे नीले पड़ने के कारण ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा घटना की जांच की जा रही है, और मंत्री द्वारा जारी आदेश के तहत उस बैच की वैक्सीनेशन को रोक दिया गया है जब तक कि जांच पूरी नहीं हो जाती। इस घटना ने पूरे राज्य में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है, और लोगों की नजरें अब इस मामले में होने वाली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

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