Korba: स्वर्ण बिन्दु प्राशन के नियमित सेवन से पौने तीन साल का चाकलेट के सिवा कुछ न खाने वाला बच्चा मांग कर खाने लगा रोटी, भात, दाल

कोरबा, 1 सितंबर (वेदांत सामाचार)। स्वर्ण बिन्दु प्राशन संस्कार के नियमित सेवन से पौने तीन साल का चाकलेट के सिवा कुछ न खाने वाला बच्चा मांग कर खाने लगा रोटी, भात, दाल। बच्चे की दादी अधिवक्ता गजेंद्र राठौड़ ने जताया आभार चिकित्सक नाड़ीवैद्य डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा का एवं संस्थान श्री शिव औषधालय को दिया साधुवाद साथ ही कहा सभी को अपने बच्चों को सेवन कराना चाहिये स्वर्ण बिंदु प्राशन।”चलो आयुर्वेद की ओर” मिशन के तहत बच्चों को विलक्षण प्रतिभाशाली बनाने एवं बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बच्चे रहें स्वस्थ योजनान्तर्गत लायंस क्लब कोरबा एवरेस्ट एवं श्री शिव औषधालय के संयुक्त तत्वाधान में नाड़ीवैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा द्वारा श्री शिव औषधालय एम.आई.जी 20, आर.पी.नगर फेस 2 निहारिका में दिनांक 31 अगस्त 2024 शनिवार को अति शुभ पुष्य नक्षत्र में आयुर्वेदिक इम्यूनाईजेसन प्रोग्राम के तहत आयुर्वेदिक टीकाकरण के माध्यम से स्वर्ण बिन्दु प्राशन संस्कार कराया गया। जिसमे अंचल के सैकड़ों बच्चे लाभान्वित होकर इसके अप्रत्याशित चमत्कारिक परिणाम का लाभ ले रहे हैं।

डॉ नागेंद्र शर्मा

इसी कड़ी में स्वर्ण प्राशन करा रही पौने तीन वर्षीय बालक श्रीद राठौड़ की दादी अधिवक्ता गजेंद्र राठौड़ ने बताया की मेरा पोता पौने तीन वर्ष का हो गया है। पर वो कुछ भी नहीं खाता था। सिर्फ चाकलेट खाता था। जिसके कारण वो कमजोर हो गया था। ऐसे में मैं उन्हें लेकर डॉ.नागेन्द्र शर्मा के पास आई तो उन्होंने पुष्य नक्षत्र में स्वर्ण बिंदु प्राशन संस्कार कराने के साथ स्वर्ण बिंदु औषधि के नियमित सेवन कराने की सलाह दी। जिसके 15 दिनों के सेवन से ही मेरे पोते को भूख लगने लगी और अब वो खुद से मांग कर रोटी, भात, दाल खाने लगा है, जिससे उसकी कमजोरी भी दूर हो गई है और उसके चाकलेट खाने की आदत भी छूट गई है। इसके लिए उन्होंने श्री शिव औषधालय संस्थान की संचालिका श्रीमती प्रतिभा शर्मा एवं संस्थान के चिकित्सक नाड़ीवैद्य डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा का आभार प्रकट करते हुए उन्हें साधुवाद दिया।साथ ही उन्होंने कहा की सभी लोगों को अपने बच्चों को स्वर्ण बिंदु प्राशन संस्कार अवश्य कराना चाहिये।

संस्थान के चिकित्सक नाड़ीवैद्य डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा ने बताया कि स्वर्ण बिन्दु प्राशन संस्कार बच्चों में किये जाने वाले 16 मुख्य संस्कारों में से स्वास्थ्य की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण संस्कार है जो हजारो वर्ष पुरानी आयुर्वेदिक टीकाकरण पद्धति है। जिसका उल्लेख हमारे आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथ काश्यप संहिता एवं सुश्रुत संहिता में प्रमुखता से है जो प्राचीन समय से चला आ रहा है। लेकिन अब यह संस्कार विलुप्त हो गया है जिसे पुनर्जीवित करने का प्रयास संस्थान द्वारा स्वर्ण बिन्दु प्राशन संस्कार के माध्यम से किया जा रहा है । जिससे स्वस्थ निरोगी समाज का निर्माण हो सके। स्वर्ण बिन्दु प्राशन संस्कार शिविर में नाड़ीवैद्य डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा, श्री शिव औषधालय की संचालिका श्रीमती प्रतिभा शर्मा के अलावा चक्रपाणि पांडेय, नेत्रनन्दन साहू, कमल धारिया, अश्वनी बुनकर, सिद्धराम सारथी, राकेश इस्पात एवं संध्या बरला ने विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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