नवाचारी शिक्षिका ममता बच्चों में लेखन कौशल और रचनात्मक लेखन का कर रही विकास

चांपा – विकासखंड बम्हनीडीह के शासकीय प्राथमिक शाला सोंठी के सहायक शिक्षक ममता जायसवाल अनेक गतिविधियों से बच्चों में लेखन कौशल बढ़ाने एवं उनमें रचनात्मक लेखन कौशल का विकास कर रही है । रचनात्मक लेखन से बच्चों में साक्षरता कौशल एवं रचनात्मकता का विकास होता है ।जो बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है ।राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा भी बच्चों के रचनात्मक लेखन पर जोर देती है ।नवाचारी शिक्षिका ममता जायसवाल ने बताया कि बच्चों के लिए सबसे जरूरी है साक्षरता कौशल एवं लेखन ताकि वे अपने विचारों को लिखित रूप से स्पष्ट और सुसंगत रूप से व्यक्त करने में सक्षम हो सके ।जिन गतिविधियों का हम प्रयोग कर हम उन्हें बताते है उसे वे सुनकर , देखकर , समझकर ,बिना देखे, रटे अपने विचारों को लिख सके ।इससे उनमें रूचि बढ़ती है और वे स्वलेखन पर जोर देते हैं ।जब उनमें सोचने व व्यक्त करने की समझ आ जाती है तो उन्हें लिखने में कोई कठिनाई नही होती है ।इसके लिए कक्षा में नियमित लेखन का अभ्यास करायी जाती है और उनका फीडबैक लिया जाता है । उन्होंने बताया कि बच्चों को जब उनकी रूचि, पसंद या अन्य टॉपिक पर समझाया जाता है तो उनमें सोचने की कल्पना शक्ति बढ़ती है और वे स्वयं सोचकर लिखने के लिए उत्साहित होते है । बच्चों को किसी विषय या पाठ को शब्दों के खेल में भी समझाया जाता है ताकि उनमें रचनात्मक लेखन को बढ़ावा मिल सके ।रचनात्मक लेखन से वे मुखर होकर अपनी बात व्यक्त करते है जिससे उनमें आत्मविश्वास विकसित होता है । विचार व समाधान की सोच विकसित होती है । उनमें संचार कौशल का विकास होता है । ममता ने बताया कि इससे नवाचार को भी बढ़ावा मिलता है । बच्चों में स्वभाविक रूप से प्रयोगात्मक और रचनात्मक लेखन इसे और बेहतर बनाने तथा सही तरीके से प्रस्तुत करने के सर्वोत्तम तरीको में से एक है । उन्होंने बताया कि मेरा लक्ष्य हमेशा बच्चों का समग्र विकास करना है ।

सहायक संचालक समग्र शिक्षा ने की सराहना

नवाचारी शिक्षिका ममता जायसवाल द्वारा बच्चों के लेखन कौशल और रचनात्मक लेखन कौशल विकास पर जो कार्य कर रही है उसकी सराहना एम सुधीश सहायक संचालक समग्र शिक्षा ने की है । उन्होंने सराहना करते हए कहा कि ऐसा नियमित करने से हमारे राज्य के बच्चों में अपने मन से बिना रटे लिखने की आदत विकसित हो सकेगी । उन्होंने अधिकारियों से प्रत्येक स्कूलों में इसके परिपालन कराने को निर्देश दिया है ।

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