CG CRIME BREAKING : शराब के अवैध काराबार में लिप्त बर्खास्त आरक्षक गिरफ्तार

बिलासपुर,30 अगस्त (वेदांत समाचार)। थाना सरकण्डा़ क्षेत्रान्तर्गत पुलिस सहायता केन्द्र प्रभारी द्वारा मोपका चौक में एक कार में भारी मात्रा में अवैध शराब परिवहन करते हुये पकड़ा गया। प्रकरण के आरोपी नवीन बोले उर्फ भज्जी, दयालबंद एवं बलराम यादव, टिकरापारा, बिलासपुर के कब्जे से पर 05 बोरियों में 480 पाव देशी मदिरा कुल 86.400 लीटर अवैध शराब एवं परिवहन में प्रयुक्त कार जप्त किया गया।कार की तलाशी पर वाहन में खाकी वर्दी, आर. नीलकमल सिंह राजपूत का एस.बी.आई खाता व चेक बुक, परिचय पत्र आदि मिला। इस प्रकार आरक्षक नीलकमल राजपूत की आपराधिक संलिप्तता पर पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर द्वारा सख्त कार्यवाही करते हुये तत्काल निलंबित कर नगर पुलिस अधीक्षक, सरकण्डा को जांच के निर्देश दिये गये।

आरोपियों ने बताया कि उक्त शराब पुलिस वाले नीलकमल राजपूत के द्वारा रू. 45,000/- देकर मंगवाया गया है। इस प्रकार आरक्षक के द्वारा पुलिस की पहचान रखकर पुलिस की नौकरी की आड़ में भारी मात्रा में अवैध मदिरा की तस्करी करने जैसी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता उजागर हुई। पुलिस आरक्षक के द्वारा पद का दुरूपयोग करते हुये इस तरह का आपराधिक कृत्य किया गया है। मामले में यह भी देखा गया है कि घटना की रात्रि अवैध मदिरा पकड़े जाने पर आर. नीलकमल राजपूत अपनी पदस्थापना थाना सकरी से बिना किसी प्रकार की सूचना दिये फरार हो गया।


आरक्षक अपने धारित पद का दुरूपयोग करते हुये पुनः ऐसी घटना की पुनरावृत्ति कर सकता है। अतः रजनेश सिंह, पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर द्वारा भारतीय संविधान की विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुये अपराध में संलिप्त आर. नीलकमल सिंह राजपूत को सेवा से पद्च्यूत कर दिया गया है। घटनाक्रम के संबंध में थाना सरकण्डा में आरक्षक नीलकमल राजपूत के विरूद्ध अप.क्र. 837/2024 धारा 34(2) छ.ग.आबकारी(संशोधन) अधिनियम 2002 एवं 59।;पद्ध छ.ग.आबकारी अधिनियम 2015 पंजीबद्ध कर विवेचनाधीन था। घटना हेतु प्रयुक्त कार आरक्षक नीलकमल राजपूत के परिजन के नाम पर पंजीकृत है। उक्त अपराध की विवेचना में आरोपी आरक्षक की पतासाजी की जा रही थी, जो गिरफ्तारी के भय से फरार था। आज दिनांक 30.08.2024 को आरक्षक नील कमल राजपूत को उसके विरूद्ध पंजीबद्ध अपराध में थाना सरकण्डा पुलिस द्वारा जिला न्यायालय के पास गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमाण्ड पर भेजा गया है। प्रकरण विवेचनाधीन है।