0. विभागीय उदासीनता से 1 किलोमीटर का सडक़ भी नहीं बन पा रहा
जांजगीर चांपा,30 अगस्त (वेदांत समाचार)। जांजगीर शहर के समीप ग्राम पेंड्री का सडक़ पूरी तरह से गढ्ढो में तब्दील हो गया है जहां अत्यधिक सडक़ खराब होने के कारण लोग इस रास्ते से आने जाने से कतराते हैं तो वही सडक़ में अनेकों गड्ढे होने से रोजाना लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। विभागीय उदासीनता के कारण जनता परेशान हो रही है। जिसकी मरम्मत तक अगर कर दिया जाता है तो लोगों को कुछ राहत मिल जाएगी । कहने को तो जिला मुख्यालय के पास का गांव है किंतु दीपक तले अंधेरा वाली कहावत यहां चरितार्थ हो रहा है। जांजगीर शहर के कृषि उपज मंडी चौक से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग तक लगभग 1 किलोमीटर की दूरी का सडक़ पूरी तरह से गढ्ढो में तब्दील हो गया है बावजूद इसके इस ओर ना तो विभागीय अमला ध्यान दे रहा है और ना ही जिला प्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों को यह दिखाई दे रहा है नतीजा यह है कि इस राह से आने जाने वाले लोगों को जान हथेली पर रखकर आना-जाना पड़ रहा है।
वैसे तो जांजगीर कचहरी चौक से लेकर पेंड्री के राष्ट्रीय राजमार्ग तक की सडक़ को पूरी तरह से डिवाइडर युक्त बनाना चाहिए क्योंकि धीरे-धीरे पेंड्री ग्राम पंचायत अब शहर का स्वरूप लेने लगा है। यहां की बढ़ती आबादी एवं मार्ग में बढ़ते यातायात के दबाव को ध्यान में रखते हुए इस सडक़ का चौड़ीकरण कर डिवाइडर युक्त निर्माण किया जाना चाहिए,परंतु देखा जा रहा है कि बरसात में बने गढ्ढो को ही पाटने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। लगातार रखरखाव एवं मरम्मत के अभाव में जांजगीर पेंड्री मार्ग का यह सडक़ अब पूरी तरह से खेत खलिहानों से भी बदतर हो गया है जिसमें आवागमन करने वाले लोगों को गिरने से जान जाने का डर बना हुआ है।
ज्ञात हो कि इस रोड से लगभग 100 से अधिक गांव जुड़े हुए हैं तथा शिवरीनारायण, नवागढ़, केरा, सलखन जैसे बड़े नगर एवं गांव के लोग यहां आते-जाते रहते हैं जिला मुख्यालय होने के कारण इस मार्ग में यातायात का दबाव भी अधिक है लेकिन पेंड्री गांव के लगभग 1 किलोमीटर की सडक़ की हालत देखने लायक है जिसे सुधारा तक नहीं जा रहा जो दुख क विषय है । रोजाना लोग सडक़ के गढ्ढो में गिर रहे हैं और लोगों का कपड़ा खराब होने के साथ-साथ लोगों का हाथ पैर टूट रहा है परंतु आम लोगों की इस पीड़ा को जिला प्रशासन के अधिकारी नहीं देख पा रहे हैं। बरसात के पानी भरे होने के कारण यह भी पता नहीं चलता कि कौन सा गड्ढा कितना गहरा है जिसमें धोखा खाकर दो पहिया वाहन चालक गिर जाते हैं।
यहां यह बताना भी आवश्यक है कि इस मार्ग में पेट्रोल पंप एवं स्कूल आदि भी संचालित हो रहा है जहां आने जाने वाले लोगों को भी इससे परेशानी होती है जबकि जिला मुख्यालय होने के नाते इस मार्ग को सबसे सुंदर एवं व्यवस्थित होना चाहिए। परंतु विभागीय उदासीनता के कारण लोग भरे बरसात में दुख पा रहे हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इसी मार्ग के पास एफ सी आई का गोदाम है जहां राइस मिलरो को चावल जमा करने के लिए भारी वाहनों से माल भेजना पड़ता है वही किसानों के खाद के गोदाम भी यहीं होने के कारण खाद परिवहन भी इसी मार्ग से होकर होता है जिसमें भारी भरकम वाहने माल लाते ले जाते समय कीचड़ में फंस जाते हैं। इस व्यस्ततम सडक़ को जिला प्रशासन को अति शीघ्र बनवाना चाहिए नहीं तो किसी भी दिन अक्रोशित जनता जिला प्रशासन के ऊपर अपना आक्रोश निकाल सकती है।
दु:ख तो तब होता है तब यहां राजनीतिक दलों के अनेक नेता विद्यमान है परंतु जनहित के मुद्दे को लेकर न जाने इन्हें क्या सांप सूंघ जाता है भाजपा हो या कांग्रेस बसपा हो या राकपा,आदमी पार्टी हो या अन्य कोई राजनीतिक दल किसी भी राजनैतिक दल के नेताओं को यह विकराल समस्या दिखाई नहीं दे रहा है जिनके सुस्त रवैया को देखकर अधिकारी वर्ग भी मनमौजी हो गए हैं। बहरहाल जनता खराब सडक़ों के कारण पूरे जिले में हिचकोले खा रही है। क्षेत्रीय विधायक इस मामले में मुकदर्शक बने हुए हैं तो सत्ता पक्ष के नेताओं को इससे कोई मतलब नहीं है। नतीजा जनता पीस रही है।
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