सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में लोगों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा हैं। उन्हे इलाज के लिए भटकना पड़ रहा हैं, मरीज के बिगड़ते हालात को देखते हुए स्वास्थ्य कर्मी रेफर कर रहे हैं। समस्या को लेकर स्वजन चिंतित हैं क्योंकि उनके पास निजी अस्पताल में इलाज के लिए पैसे नहीं है।
कोरबा,30 अगस्त (वेदांत समाचार): जिले में स्वाइन फ्लू , डेंगू व मलेरिया के बाद डायरिया का प्रकोप शुरू हो गया है। विकासखंड पाली के अंतर्गत ग्राम पंचायत खैराडुबान आश्रित ग्राम दौरीकलारी के 30 ग्रामीण उलटी- दस्त की चपेट में आ गए हैं। इनमें 26 को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में भर्ती कराया गया है। इनमें पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है। शेष चार ग्रामीणों का इलाज गांव में ही चल रहा। दूषित पानी पीने की वजह से डायरिया ने पैर पसार लिया है।लगातार हो रही वर्षा के बीच मौसमी उतार चढ़ाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर देखा रहा । जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार दावा किया जा रहा था.
कि वर्षा काल मे होने वाले जलजनित बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है, लेकिन खैराडुबान के आश्रित ग्राम दौरीकलारी की घटना ने विभागीय दावों की पोल खुल गई है। ग्रामीणों ने बताया कि लोगों में उल्टी- दस्त की शिकायत तीन दिन पहले से ही शुरू हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग की जानकारी होने के बाद भी नियत समय शिविर नहीं लगाया। गांव से 26 लोगों के अस्पताल पहुंचने के बाद गुरूवार की सुबह शिविर लगाया गया। इसके बाद भी स्थिति गंभीर बनी हुई हैँ। पीड़ितों में एक ही परिवार के सात लोग शामिल हैं।
नीलम मरावी 46 वर्ष की बिगड़ते हालात को देखकर उसे निजी अस्पताल रेफर दिया गया है। एक साथ अधिक संख्या में लाेगों के बीमार पड़ने से गांव मे सन्नाटा पसर गया है। पीड़ितों में ज्यादात महिलाएं व बच्चे शामिल है। स्वजनों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में लोगों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा हैं। उन्हे इलाज के लिए भटकना पड़ रहा हैं, मरीज के बिगड़ते हालात को देखते हुए स्वास्थ्य कर्मी रेफर कर रहे हैं। समस्या को लेकर स्वजन चिंतित हैं क्योंकि उनके पास निजी अस्पताल में इलाज के लिए पैसे नहीं है।
सार्वजनिक कुएं का उपयोग को किया बंद, सैंपल भेजा गया लैब
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पेयजल की सुदृढ़ व्यवस्था नहीं है। जल जीवन मिशन के तहत घर-घर जल आपूर्ति अभी भी पूरा नहीं है। लोगों को खुले स्त्रोत का पानी पीना पड़ रहा है। डायरिया की स्थिति को देखते हुए गांव के सार्वजनिक कुएं को स्वास्थ्य विभाग ने बंद करा दिया है। पानी को परीक्षण के लिए पीएचई विभाग के लैब में भेजा गया है। गांव में स्वच्छता का भी अभाव देखा जा रहा है।
इन मरीजों का अस्पताल में चल रहा इलाज
डायरिया से पीड़ित प्रियांशु जगत ,बरातु जगत ,फूलबाई जगत ,दीपांशु जगत ,अमित जगत ,राजकुमार जगत ,वृंदा मरावी ,पुष्पेंद्र यादव ,ओम कुमारी ,अनिशा कुमारी ,तीज कुंवर ,फुलेसिया बाई यादव ,पार्वती यादव, अनूप यादव ,गिरिजा मरावी ,आराधना मरावी ,अरुण मरावी सरिता ,जगत कांति बाई ,जगत आर्यन ,जगत दिव्या मरावी ,कांति जगत ,सुनील मरावी ,लक्ष्मण यादव ,दर्शन पोर्ते, अनुज पोर्ते, योगिता ,शिव सिंह सहित नीलम मरावी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में उपचार किया जा रहा है।
करील खाने से बीमार होने की आशंका : डा. केसरी, जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. एसएन केसरी ने बताया ग्राम दौराकलारी में डायरिया के मरीजों के इलाज के लिए शिविर लगाया है। पीड़ितों में एक ही परिवार के सात लोग शामिल हैं, आशंका व्यक्त की जा रही है कि करील खाने से बीमार हुए हैं। इसके अलावा गांव के सार्वजनिक कुंए के पानी की भी जांच कराई जा रही है। मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है।
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