थाना चांपा क्षेत्र के मंदिरों के पुजारियों का मंदिरों में चोरी के बढ़ते अपराधों की रोकथाम हेतु बैठक लिया गया

जांजगीर, 29 अगस्त (वेदांत सामाचार)। विवेक शुक्ला (Ips) पुलिस अधीक्षक जांजगीर चांपा के निर्देशन में एवम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जांजगीर राजेन्द्र कुमार जायसवाल के कुशल मार्गदर्शन में दिनांक 28.08.2024 को थाना चांपा में SDOP चांपा श्री यदुमणि सिदर एवम निरीक्षक डॉ नरेश पटेल थाना प्रभारी चांपा द्वारा थाना चांपा क्षेत्र के पुजारियों एवं वरिष्ठ जनों की शांति समिति की बैठक का आयोजन किया गया । बैठक दौरान मंदिरों के पुजारी को चोरी की रोक थाम के संबंध में बिंदुवार आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया ।

मंदिरों में दान पेटी, सोने -चाँदी के जेवर और अन्य कीमती वस्तुओं की चोरी को रोकने के लिए कई सुरक्षा उपाय अपनाए जा सकते हैं। ये उपाय मंदिर की सुरक्षा को मजबूत करते हुए चोरी की घटनाओं को कम करने में मदद कर सकते हैं :-

(01.)CCTV कैमरे की स्थापना:

  • हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे: मंदिर परिसर, प्रवेश और निकास द्वार, और दान पेटी के पास उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
  • 24/7 निगरानी: कैमरों को 24/7 मॉनिटर किया जाना चाहिए, और रिकॉर्डिंग को नियमित रूप से जांचा और सुरक्षित रखा जाना चाहिए।

(02.) सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति:*

  • नियमित गश्त: प्रशिक्षित सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति की जाए, जो मंदिर परिसर में नियमित गश्त करें।
  • सुरक्षा पोस्ट: मुख्य प्रवेश द्वार और दान पेटी के पास सुरक्षा गार्ड्स को तैनात किया जाए।

(03.) अलार्म सिस्टम:*

  • मॉशन सेंसर अलार्म: मंदिर के संवेदनशील क्षेत्रों में मोशन सेंसर अलार्म लगाए जाएं, जो किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत आवाज़ करें।
  • आपातकालीन अलार्म: दान पेटी या अन्य कीमती वस्तुओं के पास आपातकालीन अलार्म बटन हो, जिसे संदिग्ध गतिविधि की स्थिति में तुरंत दबाया जा सके। (04.) मजबूत ताले और सुरक्षित दान पेटी:*
  • कड़ी सुरक्षा वाले ताले: दान पेटी और मंदिर के कीमती वस्त्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले, कठिन ताले लगाए जाएं।
  • मजबूत संरचना: दान पेटी को मजबूत धातु से बनाया जाए और इसे फर्श या दीवार से मजबूती से जोड़ा जाए।

(05.) सीमा नियंत्रण:*

  • प्रवेश की सीमाएं: मंदिर परिसर में प्रवेश करने वालों की संख्या और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीमा निर्धारित करें।
  • आईडी चेक: प्रमुख धार्मिक आयोजनों के दौरान आगंतुकों की आईडी चेक की जा सकती है, ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।

(06.) आगंतुकों की जानकारी:*

  • आगंतुक पंजीकरण: प्रमुख धार्मिक आयोजनों या विशिष्ट समय पर आने वाले आगंतुकों का पंजीकरण किया जा सकता है, जिससे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की पहचान हो सके।

(07.) स्थानीय पुलिस से संपर्क:*

  • नियमित संपर्क: स्थानीय पुलिस स्टेशन के साथ नियमित संपर्क बनाए रखें, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत दी जा सके।
  • पुलिस गश्त: विशेष अवसरों पर पुलिस गश्त की व्यवस्था की जाए।

(08.) सूचना एवं जागरूकता अभियान:*

  • सुरक्षा दिशानिर्देश: मंदिर के आगंतुकों को सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देश बताए जाएं, जैसे कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करना।
  • सुरक्षा कार्यशालाएं: मंदिर के कर्मचारियों के लिए नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित किए जाएं।

(09.) दान पेटी का नियमित खाली करना:*

  • नियमित निकासी: दान पेटी को नियमित रूप से, खासकर विशेष आयोजनों के बाद, खाली किया जाए और इसे सुरक्षित स्थान पर रखा जाए। इन सभी सुरक्षा उपायों का संयोजन मंदिरों में चोरी की घटनाओं को रोकने में प्रभावी साबित हो सकता है।
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