कैबिनेट ने 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों व 4 प्रमुख परियोजनाओं को दी मंजूरी

नई दिल्ली,29 अगस्त । केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को देश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए पांच महत्वपूर्ण फैसले लिए। इनमें राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 28,500 करोड़ रुपये के निवेश से 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों की स्थापना की मंजूरी शामिल है। इस परियोजना से देश में करीब 12 लाख प्रत्यक्ष और 20 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है।

औद्योगिक स्मार्ट शहरों की स्थापना:
कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए ये औद्योगिक स्मार्ट शहर ‘प्लग-एन-प्ले’ और ‘वॉक-टू-वर्क’ जैसी अवधारणाओं के साथ विकसित किए जाएंगे, जिससे भारत में विश्व स्तरीय ग्रीनफील्ड औद्योगिक शहरों का निर्माण होगा। इन शहरों का उद्देश्य मजबूत और टिकाऊ बुनियादी ढांचे का निर्माण करना, निवेश को प्रोत्साहित करना और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है।

प्रमुख औद्योगिक नोड्स:
मंजूरी प्राप्त 12 औद्योगिक शहरों में उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा, उत्तर प्रदेश के आगरा और प्रयागराज, बिहार के गया, महाराष्ट्र के ईघी पोर्ट, राजस्थान के जोधपुर, आंध्र प्रदेश के कोपार्थी और ओर्वाकल, तेलंगाना के जहीराबाद, केरल के पलक्कड़, और जमशेदपुर-पुरुलिया-आसनसोल क्षेत्र शामिल हैं।

रोजगार और निवेश:
इन औद्योगिक शहरों में आधुनिक सुविधाएं होंगी, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार हैं। इन परियोजनाओं का लक्ष्य 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात हासिल करना है, जिससे भारत की वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (GVC) में स्थिति मजबूत होगी। परियोजनाओं से 1 मिलियन प्रत्यक्ष और 3 मिलियन अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होने की उम्मीद है।

अन्य प्रमुख परियोजनाएं:
कैबिनेट ने कृषि अवसंरचना कोष (AIF) योजना के विस्तार को भी मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य कृषि अवसंरचना को मजबूत करना और नई परियोजनाओं का समर्थन करना है। इसके अतिरिक्त, CCEA ने लगभग 6,456 करोड़ रुपये की लागत से ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में तीन प्रमुख रेलवे परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है, जिससे इन क्षेत्रों में लगभग 300 किलोमीटर का नया रेलवे अवसंरचना तैयार होगा।

टिकाऊ विकास और आधुनिक बुनियादी ढांचा:
नए स्वीकृत औद्योगिक शहरों को टिकाऊ और कुशल औद्योगिक संचालन का समर्थन करने के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ विकसित किया जाएगा। इसमें ICT-सक्षम उपयोगिताओं और हरित प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सके।

इन परियोजनाओं की स्वीकृति भारत के औद्योगिक विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और देश की आर्थिक प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।