हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को बेटियों से जुड़ा बिल पेश किया, जो कि पारित हो गया है. प्रदेश में अब तक लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. राज्य सरकार इसमें तीन साल की बढ़ोतरी कर रही है. सरकार ने इसके लिए विधानसभा के मानसून सत्र में ‘हिमाचल प्रदेश बाल विवाह प्रतिषेध विधेयक-2024’ पेश किया, जो बिना चर्चा के सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. अब इस बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा. अभी तक प्रदेश में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है.
स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल ने बाल विवाह प्रतिषेध (हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक, 2024) पेश किया. प्रदेश में अभी लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. राज्य सरकार इसमें तीन साल की बढ़ोतरी कर रही है. इसके संशोधित ड्राफ्ट को राज्य मंत्रिमंडल ने 7 महीने पहले ही मंजूरी दे दी थी. मंगलवार को सदन में संशोधन विधेयक पारित हो गया.
विधानसभा के मानसून सत्र में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हमारी सरकार ने कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है. हिमाचल प्रदेश में अपराध के लिए कोई स्थान नहीं है. सदन में सरकार सार्थक चर्चा के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन विपक्ष इससे भाग रहा है. दिशाहीन विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है.
उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में आपदा आई, हमारी सरकार ने तुरंत राहत और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके आपदा प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का काम किया. इसके विपरीत केंद्र सरकार ने इस कठिन समय में भी कोई मदद नहीं की. उनका यह भेदभावपूर्ण रवैया उनकी असंवेदनशीलता को दिखाता है.
यह एकता की भावना हमें और भी मजबूत है
सीएम ने कहा कि आपदा के कठिन समय में जब हर तरफ चुनौतियां थीं, हमारे अधिकारियों, कर्मचारियों, युवाओं और छोटे बच्चों ने एकजुट होकर हमारा साथ दिया. हम उनके प्रति हृदय से कृतज्ञ हैं. यह एकता और समर्पण की भावना हमें और भी मजबूत बनाती है.
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