CG Highcourt : मृत कर्मचारी की पत्नी को 14 साल बाद मिला न्याय, हाई कोर्ट ने ब्याज सहित राशि का भुगतान करने दिया आदेश

बिलासपुर, 27 अगस्त (वेदांत समाचार)। 32 साल जल संसाधन विभाग में काम करने के बाद रिटायर हुए कर्मचारी को विभाग ने बिना किसी कारण रिटायरमेंट बेनिफिट का भुगतान नहीं किया। सेवानिवृति देयकों के लिए बीते 10 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी। मुकदमा लड़ते उसकी मौत हो गई। पत्नी ने आगे की लड़ाई लड़ी। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद राज्य शासन को निर्देशित किया है कि, याचिकाकर्ता को उनके पति के रिटायरमेंट बेनिफिट की राशि का भुगतान ब्याज के साथ करें। कोर्ट ने इसके लिए राज्य शासन को 60 दिन की मोहलत दी है।

महासमुंद जिले के नयापारा महासमुंद निवासी शाहिदा कुरैशी ने अपने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका में कहा था कि, उसके पति शमीम अख्तर कुरैशी कार्यपालन अभियंता विद्युत यांत्रिकी भारी संयंत्र संभाग जल संसाधन संभाग रायपुर के अंतर्गत ग्रेड 3 समयपाल के पद पर कार्यरत थे। सेवाकाल पूरा करने पर वर्ष 2010 में सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। रिटायरमेंट के बाद भी अवकाश नगदीकरण मद की राशि का भुगतान विभाग के द्वारा नहीं किया गया। पति ने सबसे पहले विभागीय अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन पेश कर राशि के भुगतान की मांग की। विभागीय अफसरों से लगातार वे इस संबंध में गुहार लगाते रहे। अफसरों ने नहीं सुनी। इसी बीच पति की मृत्यु हो गई। पति की मृत्यु के बाद शाहिदा कुरैशी ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अवकाश नगदीकरण सहित अन्य भुगतान की मांग की। याचिका की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने सचिव जल संसाधन विभाग, मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग व कार्यपालन अभियंता भारी संयंत्र संभाग जल संसाधन संभाग रायपुर को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता को उनके पति के अवकाश नगदीकरण सहित रिटायरमेंट बेनिफिट का भुगतान ब्याज सहित 60 दिनों के भीतर करने का निर्देश दिया है।

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