इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में आयोजित हुई मटकी फोड़ प्रतियोगिता, बॉयज ग्रुप में मटकी फोड़ कर टोपाज हाउस ने सबको किया चारों खाने चित एवं गर्ल्स ग्रुप में एमराल्ड ने मटकी फोड़ कर अपने शौर्य, साहस और संगठन का दिया परिचय

⭕ हार और जीत तो सिर्फ शब्द हैं, असली मायने रखती है आपकी मेहनत और समर्पण-डॉ. संजय गुप्ता

⭕ विद्यार्थियों में टीमवर्क, प्रतिस्पर्धा की भावना, उत्साह को बढ़ावा मिलता है- डॉ. संजय गुप्ता

⭕ प्रतियोगिता का उद्देश्य हमेशा प्रोत्साहन देने का रहना चाहिए। प्रोत्साहन मिलने से बच्चों में चेतना जागृत होती और उनमें जागरूकता आती है- डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा, 26 अगस्त (वेदांत सामाचार)। जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है और इसे अत्यधिक श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी का मुख्य महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह भगवान विष्णु के आठवें अवतार, श्रीकृष्ण, के जन्म का प्रतीक है।

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था। वह जीवन के सभी क्षेत्रों में अनुकरणीय माने जाते हैं, चाहे वह धर्म, न्याय, प्रेम, मित्रता, या भक्ति हो। उनका जीवन और उनकी शिक्षाएं जैसे भगवद्गीता में दिए गए उपदेश, आज भी लोगों के जीवन को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

जन्माष्टमी के दिन भक्तजन उपवास रखते हैं, श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं, और रात को मध्यरात्रि में उनके जन्म के समय विशेष आरती और भजन गाते हैं। इस पर्व के माध्यम से लोग श्रीकृष्ण की लीला, उनके बाल जीवन, और उनकी महानता का स्मरण करते हैं। भगवान कृष्ण अपने उपदेशों और वीरता के लिए जाने जाते हैं। इसलिए जन्माष्टमी का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण है। जन्माष्टमी पूरे भारत में बड़े उत्साह से मनाई जाती है। यह त्योहार हमें धर्म और भक्ति का महत्व बताता है।जन्माष्टमी, भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन की खुशी में मनाया जाने वाला एक बड़ा हिंदू त्योहार है। यह त्योहार भाद्रपद के महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए बहुत खास होता है। इसी दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।


इस दिन भगवान् विष्णु के भगवान कृष्ण अवतार की विशेष पूजा की जाती है। माना जाता है कि उनका जन्म भारत के मथुरा में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात में हुआ । श्री कृष्ण जन्माष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में भी जन्माष्टमी पर्व बड़े उत्साह एवं धूमधाम से माया गया। नर्सरी ,एलकेजी एवं यूके जी कक्षा तथा प्राइमरी कक्षा के विद्यार्थी श्री कृष्ण एवं राधारानी की वेशभूषा में उपस्थित हुए।विद्यालय में पूरे स्टाफ ने सप्राचार्य पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की ।मंत्रोच्चारण की गूंज से विद्यालय परिसर गुंजित था।


पूजा के पश्चात सभी को प्रसाद वितरण किया गया।
वहीं दूसरी ओर कक्षा 6 वीं से 12 वीं तक के विद्यार्थियों के लिए मटका फोड़ प्रतियोगिता का शानदार आयोजन किया गया।यह प्रतियोगिता हाउस वाइस आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में एमराल्ड, टोपाज,सफायर ,एवं रूबी हाउस ने अपनी पूरी टीम के साथ हिस्सा किया।मटका फोड़ प्रतियोगिता हेतु प्रत्येक हाउस के विद्यार्थियों का उत्साह अपने पूरे शबाब पर था।साथ ही हाउस मेंटर्स ने भी अपनी – अपनी टीम को जिताने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी।यह प्रतियोगिता दो चक्र में आयोजित की गई। पहले राउंड में बॉयज ग्रुप में रूबी हाउस ने तय समय में मटकी फोड़ कर
एमेरॉल्ड हाउस को शिकस्त दी,एवं टोपाज़ हाउस ने अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए सफायर हाउस को मात दिया।
फाइनल राउंड में टोपज हाउस ने मटकी फोड़ कर जीत अपने नाम दर्ज की एवं रूबी रनर अप रही।वहीं गर्ल्स ग्रुप में एमराल्ड हाउस ने मटकी फोड़ कर अपने शौर्य एवं संगठन का परिचय दिया अर्थस्त वह विजेता रही तथा सफायर रनर अप रही।


इस प्रतियोगिता के सुचारू रूप से संचालन में सभी हाउस मेंटर्स के साथ ही साथ एकेडमिक
कोऑर्डिनेटर श्री सब्यसाची सरकार सर,श्री नवीन सर,श्री हरी सारथी सर,श्री वैष्णव सर,श्रीमती रुमकी मेडम,सुश्री पारुल मैडम,सुश्री कीर्ति मेडम,श्री लीलाराम यादव सर,श्री संजय सिंह सर का विशेष योगदान रहा।इस प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका लीलाराम यादव सर एवं सुश्री कीर्ति मेडम ने निभाई।
पूरी प्रतियोगिता का विद्यार्थियों ने भरपूर आनंद लिया।ऐसा प्रतीत हो रहा था कि विद्यालय परिसर सचमुच वृंदावन और गोकुल धाम में परिवर्तित हो गया है।
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि कृष्ण जन्माष्टमी का मुख्य संदेश धर्म की रक्षा, अधर्म का नाश और सत्य की विजय का है। यह त्योहार हमें भगवान के प्रति अटूट श्रद्धा और प्रेम के महत्व की याद दिलाता है।भारत एक विविधतापूर्ण देश है जहां विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का संगम है। यहां के धार्मिक त्योहारों का महत्व कई मायनों में विशेष है।
धार्मिक त्योहार भारत के सांस्कृतिक चमत्कार का प्रतीक हैं। ये त्यौहार हमें हमारी दोस्ती और संस्कारों की याद दिलाते हैं। विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों के माध्यम से भारत की विविधता और एकता को समझा जा सकता है।त्योहार समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देते हैं। है धार्मिक त्यौहार का अपना एक विशेष महत्व होता है । ये त्यौहार धार्मिक आस्था को मजबूत बनाते हैं ।
कृष्ण का जीवन और उनके द्वारा दिए गए उपदेश आज भी लोगों के जीवन को मार्गदर्शित करते हैं और उन्हें धर्म, प्रेम, और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
भगवान कृष्ण को प्रेम, भक्ति और समर्पण के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। उनकी आराधना से भक्तों को मन की शांति, प्रेम, और ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना प्राप्त होती है।भगवान कृष्ण को योगेश्वर कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भगवद गीता में अर्जुन को ज्ञान, कर्म, और भक्ति योग का उपदेश दिया। भगवद गीता का संदेश आज भी जीवन जीने की कला सिखाता है और धर्म, कर्तव्य और नैतिकता का मर्म समझाता है।

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