कोरबा,22 अगस्त (वेदांत समाचार): नगर पालिका निगम कोरबा के फर्जी महापौर का जाति प्रमाण पत्र भी फर्जी निकला है आदिमजाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमढ़ी बोरा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय प्रमणिकरण छानबीन समिति ने सभी गवाहों और सबूतों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है और आगे के कार्यवाही के लिए कलेक्टर और डीएसपी को आवेदन प्रस्तुत किया है |
नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि फर्जी महापौर ने पौने पांच साल कोरबा ली जनता के साथ छल किया है साथ हो साथ कोरबा के विकास को अवरूद्ध किया है जिससे कोरबा की जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित रही |
सड़को में कमीशन से सड़क नही गड्डे बनवा दिए थे फर्जी महापौर ने जिससे जनता को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा है निश्चित ही ये जनता का श्राप महापौर को मिला है,
सत्यमेव जयते हमेशा सत्य की जीत होती है और आज भी सत्य की जीत हुई है
महापौर से सैलरी, मकान, गाड़ी और निगम को हुई नुकसान की भरपाई होनी चाहिए इनके उपर न्याय को गुमराह करने की वजह से एएफआई दर्ज होनी चाहिए, जिससे दुबारा कोई इस प्रकार से कृत्य करके जनता के पैसों का दुरुपयोग न कर पाएं,
राजनीति में इस तरह के फर्जीवाड़े के लिए कोई स्थान नही है। फर्जी महापौर को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, फर्जी महापौर को शर्म आनी चाहिए और तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा देना चाहिए। और सार्वजनिक रूप से कोरबा की जनता से माफी मांगे |
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