कोरबा, 21 अगस्त। आकांक्षी जिला कोरबा में उधार के जनपद सीईओ कोरबा ,करतला एवं पोंडी उपरोड़ा से जनपद पंचायतें नहीं संभल रही। विभागीय कार्य दायित्व के निर्वहन में मनमानी से लेकर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा अब सार्वजनिक होने लगी है। साथ ही स्थानांतरण के 5 माह बाद भी स्थांनान्तरित जिलों के लिए भारमुक्त नहीं करने पर अब जिम्मदारों की मेहरबानी पर सवाल उठने लगे हैं। जनपद पंचायत कोरबा के प्रभारी सीईओ श्रीमती इंदिरा भगत को स्थानांतरण आदेश के बाद भी भारमुक्त नहीं करने व उनके विरुद्ध किए गए शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने से नाराज महिला जनपद सदस्य ने पुनः कलेक्टर को पत्र लिखकर अधिकारी को तत्काल भारमुक्त कर शिकायत की जांच कर कार्रवाई की मांग की है ।
जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक 20 मोनिका भगत ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि जनपद पंचायत कोरबा की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती इंदिरा भगत (सहायक परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत कोरबा (छ०ग०) का स्थानांतरण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आदेश कमांक 131 दिनांक 06.03. 2024 द्वारा जनपद पंचायत मालखरौदा जिला जांजगीर-चांपा किया गया है। किन्तु उन्हें कार्यमुक्त ना कर जनपद पंचायत कोरबा का अस्थाई प्रभार सौंपा गया है। कोरबा एक आदिवासी जिला होने के कारण आदिवासी विभाग का मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदस्थ किये जाने का प्रावधान है, किन्तु जिले के 5 जनपद पंचायतो में से 3 जनपदों में पंचायत विभाग के अधिकारियों को अस्थाई प्रभार जिला प्रशासन द्वारा दिया गया है, जो कि अनुचित है, जनपद पंचायत कोरबा की सीईओ श्रीमती इंदिरा भगत से ब्लॉक से संबंधित जानकारी मांगे जाने पर भी प्रदान नही किया जाता रहा है व पूर्व में 15 वें वित्त राशि व जनपद विकास निधि की राशि का फर्जी प्रस्ताव अनुमोदन कर सदस्यों की जानकारी के बिना दलालनुमा लोगो के साथ मिलकर राशि को मनचाहे पंचायतो में विकास कार्य के नाम से लेकर अनैतिक कार्य किया गया जिसकी शिकायत पूर्व में दिनांक 03.07.2024 को आपके समक्ष मेरे द्वारा की गई थी, लेकिन अभीतक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही व यहां तक की जांच की कार्यवाही भी प्रारंभ नही की जा सकी ।जनपद सदस्य ने कलेक्टर से आग्रह किया है कि उपरोक्त विषय को ध्यान में रखकर जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती इंदिरा भगत को तत्काल कार्यमुक्त कर स्थानांतरित स्थल में भेजने का कष्ट करें, एवं पूर्व में की गई शिकायतों की जांच एवं कार्यवाही करें । कोरबा में शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई बिरले ही नजर आती है। मामले में जिला प्रशासन पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
केंद्रीय कानून आरटीआई के अपील की सुनवाई के प्रति भी जिम्मेदार नहीं हैं जनपद सीईओ , 28 पंचायतों पर मेहरबान!कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा श्रीमती इंदिरा भगत की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्राम पंचायतों के सूचना के अधिकार अधिनियिम 2005 के अंर्तगत अपीलीय अधिकारी होते हैं ,लेकिन आपको हैरानी होगी प्रभारी सीईओ को अपने यहाँ ही दर्ज पंचायतों के अपीलीय प्रकरणों की सुनवाई की फुर्सत नहीं हैं। इनके यहां ग्राम पंचायत लबेद,चिर्रा,सिमकेंदा ,मूढूनारा, कटबितला, उरगा, कटकोना, कुरुडीह, कोरकोमा, बेला, खोड्डल, माखुरपानी, गुरमा,गोढ़ी, जामबहार, चुईया,दोंदरों, अमलडीहा, भैसमा, मदनपुर, बगबुड़ा, पसरखेत, जिल्गा, केराकछार ,केरवां,बरपाली ,बासीन एवं बुंदेली कुल 28 ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 15वें के तहत कराए गए कार्यों के व्यय प्रमाणक नहीं देने की अपील 25 .09.2023 को दर्ज है ,जिसमें आज पर्यंत बतौर अपीलीय अधिकारी जनपद सीईओ ने सुनवाई नहीं की। 11.11.2023 को इन प्रकरणों की द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग के यहाँ दर्ज कराई जा चुकी है।लेकिन प्रकरणों की अधिकता की वजह से सुनवाई आज पर्यंत नहीं हुई है,जाहिर है इसमें लंबा वक्त लगता है तब तक जिम्मदारों को बचाने में मंसूबे पूरे हो जाते हैं। निश्चित तौर पर प्रभारी जनपद सीईओ अपने कार्य दायित्व के निर्वहन में फैल रही हैं। जाहिर है ऐसे कृत्यों से ही नियम कायदों की अवहेलना करने वाले पंचायतों को बल मिलता है। और वे भ्रष्टाचार करने से भी नहीं चूकते। इन पंचायतों के पंचायत प्रस्ताव ,व्यय प्रमाणक,देयक व्हाउचर्स समेत कार्यों की भौतिक सत्यापन कराए जाने पर निसंदेह एक बड़ी अनियमितता उजागर होगी।
पाली जनपद सीईओ डेढ़ साल बाद भी नहीं करा सके 13 पंचायतों के शिकायतों की जांच
केवल कोरबा ही नहीं पंचायतों पर मेहरबानी पाली जनपद सीईओ भी बरसा रहे हैं। ग्राम पंचायत पाली के ग्राम पंचायत कोडार ,धौराभांठा,पोलमी,लिटियाखार,
सेन्द्रीपाली,डूमरकछार ,बकसाही,सरईपाली,अंडीकछार ,रतखण्डी,चेपा, ढुकुपखना, खैराडूबान कुल 13 ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2022 -23 में 15वें वित्त से प्राप्त आबंटन में कराए गए 50 हजार रुपए से अधिक के कार्यों के भुगतान में जीएसटी कटौती न कर फर्मों को अनुचित लाभ दिलाने ,शासन को वितीय क्षति पहुंचाने की दस्तावेजी शिकायत 15 .02.2024 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा के यहाँ किए जाने पर 22 .02 .2024 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पाली को जांच प्रतिवेदन 3 दिवस के भीतर मांगा गया था। जो डेढ़ साल बाद भी नहीं पहुंची। हाल ही में जांच टीम गठित कर औपचारिकता जरूर पूरी की गई। जबकि कार्यों की व्यय प्रमाणक,भौतिक सत्यापन कर पंचायत प्रस्ताव की जांच की जानी चाहिए ।
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