महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के उस कर्मी के परिवार को 1.09 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया जिसकी 2019 में तेज गति से जा रही एक बस से कुचल जाने से मौत हो गयी थी।
एस बी अग्रवाल की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि प्रतिवादी, बीमा कंपनी को याचिका की तारीख से लेकर 73 लाख रुपये की राशि की वसूली तक 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर के साथ मुआवजा देना होगा। यह आदेश 12 अगस्त को पारित किया गया जिसकी प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।
याचिका मृतक धनजीभाई शानाभाई सोलंकी की पत्नी और उनके दो नाबालिग बच्चों की ओर से दाखिल की गई जिसमें उन्होंने बस के मालिक और बीमाकर्ता से मुआवजा मांगा था। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता एस बी घाटगे ने दलील दी कि सीआरपीएफ के चालक सोलंकी (37) को 18 जून 2019 को सायन-पनवेल राजमार्ग पर उसका वाहन खराब हो जाने के बाद तेज गति से जा रही लग्जरी बस ने कुचल दिया था।न्यायाधिकरण ने माना कि बीमाकर्ता पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी है।न्यायाधिकरण ने पाया कि बीमा कंपनी वाहन मालिक से राशि वसूल सकती है, लेकिन पहले उसे याचिकाकर्ताओं को मुआवजा देना होगा। कुल मुआवजा राशि 1.09 करोड़ रुपये है।
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