नईदिल्ली,16 अगस्त (वेदांत समाचार): ईरान में एक महिला ने हिजाब कानून का उल्लंघन करने पर पुलिस ने गोली मार दी. घटना पिछले महीने की है. ये 31 साल की महिला अपनी कार से भागने की कोशिश कर रही थी क्योंकि उसे लगा कि पुलिस उसकी कार को जब्त करना चाहती है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस को उनकी कार जब्त करने का आदेश दिया गया था, क्योंकि इससे पहले उन्होंने सार्वजनिक रूप से गाड़ी चलाते समय अपने बाल दिखाकर ईरान के हिजाब कानून का उल्लंघन किया था.
महिला की पहचान अरेजू बद्री के नाम से हुई. इसके दो बच्चे हैं. महिला के की रीढ़ की हड्डी में गोली लगी है और वो चलने में असमर्थ है. फिलहाल उसका पुलिस अस्पताल में इलाज चल रहा है. ये महिला सिर पर स्कार्फ या हिजाब पहनने पर ईरान के नए सिरे से दमन की ताजा शिकार है. इससे पहले दो साल पहले एक महिला की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद महिला अधिकारों और देश की धर्मतंत्र के खिलाफ़ देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
रीढ़ की हड्डी में लगी गोली
ईरान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के ग्रुप ने गोलीबारी की जाकारी रखने वालों से बात की. उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने पहले बद्री की कार के टायरों पर गोली चलाई. जब बद्री गाड़ी चला रही थी, तो अधिकारियों ने वाहन पर गोली चलाई जो उसकी रीढ़ की हड्डी में लगी और वो क्षतिग्रस्त हो गई.
हिजाब के कानून को आसान बनाने का किया वादा
अमिनी की मौत के बाद राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने हिजाब कानून के क्रियान्वयन को आसान बनाने का वादा किया है लेकिन हालिया घटना यानि बद्री को गोली मारना और तेहरान की सड़कों पर एक लड़की के साथ दुर्व्यवहार का हालिया वीडियो दिखाता है कि इस कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए अभी भी खतरे छिपे हुए हैं.
न्यूयॉर्क स्थित सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स इन ईरान के कार्यकारी निदेशक हादी घामी ने कहा, “उन्होंने इसे सबसे गंभीर अपराध बना दिया है, जहां पुलिस को मूल रूप से गोली मारकर हत्या करने की अनुमति है. यह वास्तव में महिलाओं के खिलाफ युद्ध है.”
कार रोकने का कारण नहीं बताया
मामले पर कार्यकर्ताओं का कहना है कि बद्री की गोली मारकर हत्या 22 जुलाई को रात 11 बजे ईरान के उत्तरी माज़ंदरान प्रांत में तटीय सड़क पर उस समय की गई जब वह अपनी बहन के साथ एक दोस्त के घर से घर लौट रही थी. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना के प्रकाशित एक संक्षिप्त विवरण में पुलिस कर्नल अहमद अमिनी के हवाले से कहा गया है कि गश्ती अधिकारियों ने एक गाड़ी को रुकने का आदेश दिया था, लेकिन गाड़ी नहीं रुकी. इसमें हिजाब उल्लंघन या जब्त नोटिस का कोई उल्लेख नहीं था.
पुलिस ने बद्री की कार को क्यों रोका, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है, हालांकि कार्यकर्ता हिजाब उल्लंघन के कारण ज़ब्त किए गए अलर्ट को इसका कारण मानते हैं.
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