VIDEO : प्राचीन केदारेश्वर मंदिर में कोबरा सांप शिवलिंग पर लिपटा हुआ देखा गया, श्रद्धालुओं ने उतारी आरती

सावन के पवित्र महीने में उत्तर प्रदेश के झांसी से एक ऐसा वीडियो सामने आया जिसने सभी को चौंका दिया. दरअसल, झांसी के मौरानीपुर तहसील क्षेत्र में स्थित प्राचीन केदारेश्वर मंदिर में एक नागराज (कोबरा) शिवलिंग पर लिपटा हुआ देखा गया. इस दृश्य ने सभी श्रद्धालुओं को स्तब्ध कर दिया. मंदिर में पूजा करने आए भक्तों की भारी भीड़ के सामने, शिवलिंग पर लिपटे इस नाग ने मानो स्वयं भगवान शिव की उपस्थिति का अहसास कराया.

नागराज और शिवलिंग का रहस्यमय संगम

मंदिर में उपस्थित भक्तों ने इस दृश्य को अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया. वीडियो में देखा जा सकता है कि नागराज अपने फन को फैलाकर शिवलिंग के चारों ओर घूम रहा है, जबकि भक्तजन विधि-विधान से पूजा कर रहे हैं. ऐसा प्रतीत होता था जैसे यह नाग शिवलिंग की परिक्रमा कर रहा हो. सावन के इस माहौल में शिव भक्तों के लिए यह दृश्य किसी चमत्कार से कम नहीं था.

प्राचीन केदारेश्वर मंदिर की कहानी

केदारेश्वर मंदिर, झांसी मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर मौरानीपुर कस्बे की एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है. इस मंदिर का निर्माण चंदेल काल के दौरान पत्थरों से किया गया था. मंदिर का शिवलिंग नंदी की पीठ पर स्थापित है, जो मंदिर की खासियत को और भी बढ़ाता है.

मान्यता है कि इस मंदिर में शिवलिंग की पूजा एक अदृश्य शक्ति द्वारा की जाती है. यहाँ आने वाले भक्तों का विश्वास है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से इस मंदिर में पूजा करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. नाग पंचमी के दिन, जब शिवलिंग पर नागराज को लिपटा हुआ देखा गया, तो यह नजारा और भी अद्भुत हो गया.

प्राचीनता और चमत्कार

मंदिर के पुजारी और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, केदारेश्वर मंदिर द्वापर युग से जुड़ा हुआ है. ऐसा माना जाता है कि जब पांडव वनवास में थे, तब इस मंदिर की स्थापना हुई थी. इस मंदिर को भगवान शिव के नंदी अवतार का स्थान माना जाता है. नागराज का आना और शिवलिंग पर लिपटना भक्तों के लिए एक दिव्य संकेत जैसा था.

आस्था और विश्वास का प्रतीक

जैसे ही यह खबर फैली, दूर-दूर से भक्त इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए मंदिर पहुंचने लगे. सभी ने नागराज के सामने हाथ जोड़कर पूजा की और अपने दिल की इच्छाएं प्रकट कीं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो ने लोगों में उत्सुकता और श्रद्धा को बढ़ा दिया.

ध्यान दें! इस समाचार में प्रस्तुत जानकारी और घटनाएं स्थानीय स्रोतों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों पर आधारित हैं. इस घटना से संबंधित कोई भी आधिकारिक पुष्टि या वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है. यह खबर केवल सूचना और जनहित के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है. इस समाचार का उद्देश्य किसी धार्मिक आस्था, परंपरा या मान्यता को बढ़ावा देना नहीं है. पाठक इस जानकारी को अपने विवेकानुसार और समझ के साथ ग्रहण करें.

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