रायपुर, 09 अगस्त। रायपुर नगर निगम में मच्छर मारने के लिए अब करीब पांच करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। जबकि बीते वर्षों में यही काम लगभग डेढ़ करोड़ में हो जाया करता था। हालांकि अभी तक तो शहरवासियों को मच्छरों के डंक से छुटकारा नहीं मिल सका है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या पांच करोड़ खर्च कर निगम मच्छरों के आतंक से आमलोगों को छुटकारा दिला पाता है या नहीं।
इसके लिए निगम ने सभी 70 वार्डों के लिए एक करोड़ 24 लाख रुपये में तीन माह के लिए एजेंसी नियुक्त करने ग्लोबल टेंडर किया है। वहीं, इसके अलावा तेल की उपलब्धता सहित अन्य कार्यों के लिए भी करीब 15 लाख खर्च होंगे। यानी अब साल में मच्छर मारने के लिए निगम पांच करोड़ खर्च करने जा रहा है।
अच्छा कार्य होने पर बढ़ेगी अवधि
अनुबंधित एजेंसी का कार्य अच्छा होने पर ही कार्य अवधि बढ़ाई जाएगी। वहीं भुगतान भी परफार्मेंस के आधार पर होगा। निगम द्वारा एजेंसी के कार्यों का मूल्यांकन करने स्वास्थ्य विभाग की टीम संबंधित विभागों के साथ मच्छर उन्मूलन वाले इलाकों में जाकर रेंडम सैंपलिंग भी करेगी। साथ ही कार्य में प्रयुक्त केमिकल की बॉटल भी चेक की जाएगी। लोगों से फीडबैक भी लिया जाएगा। हालांकि टेंडर में नागपुर, भोपाल, दुर्ग और रायपुर की एजेंसियों ने रुचि दिखाई है।
मच्छर मारने की पुरानी व्यवस्था
- प्रत्येक जोन की छह-सात फागिंग मशीनों की मदद से l
- फागिंग मशीन चलाने जोन कर्मचारियों की लेते थे मदद l
- एंटी लार्वा के छिड़काव के लिए लोकल को बुलाया जाता था l
- कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही होता था नियमित एंटी लार्वा का छिड़काव l
- सफाई कर्मचारियों की भी ली जाती थी इस कार्य में मदद I
मच्छर मारने की नई व्यवस्था
- सभी 70 वार्डों के लिए नियुक्त की जा रही एजेंसी l
- एकीकृत प्लान बनाकर कार्य करेगी एजेंसी l
- आधुनिक मशीनों से होगा एंटी लार्वा का छिड़काव l
- 100 लेबर परमानेंट एजेंसी द्वारा किए जाएंगे नियुक्त l
- उपयोगी मशीनें और आवश्यक संसाधन लाएगी एजेंसी l
नगर निगम रायपुर के स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष नागभूषण राव ने कहा, मच्छर मारने के लिए निगम द्वारा ग्लोबल टेंडर किया गया है। शहर में लोगों को मच्छरों की वजह से तरह-तरह की परेशानियों और बीमारियों का सामना करना पड़ता है। एक-दो दिनों में टेंडर खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
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