रायपुर,08 अगस्त 2024। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित आईएएस रानू साहू, कारोबारी सुनील अग्रवाल और दीपेश टांक को जमानत दे दी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित आईएएस रानू साहू को 7 अगस्त तक अंतरिम जमानत दी थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने तीनों को परमानेंट जमानत दे दी है. बता दें कि जमानत के बाद भी रानू साहू जेल में ही रहेंगी. क्योंकि EOW मामले में रानू साहू को जमानत नहीं मिली है।बता दें कि राज्य में 500 करोड़ से ज़्यादा के कोयला घोटाले के आरोप में ईडी ने 21 जुलाई 2022 को रानू साहू के घर पर छापा मारा था और 22 जुलाई को उन्हें गिरफ़्तार किया था. साथ ही कोयला व्यापारी सुनील अग्रवाल को 11 अक्टूबर 2022 को गिरफ़्तार किया गया था. कोयला घोटाला मामले में न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद रानू साहू और सुनील अग्रवाल ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।
ईओडब्ल्यू मामले में रानू साहू को नहीं मिली जमानत
बता दें कि जमानत के बाद भी निलंबित IAS रानू साहू जेल में ही रहेंगी. क्योंकि ईओडब्ल्यू मामले में रानू साहू को जमानत नहीं मिली है.कुछ महीने पहले ईओडब्ल्यू ने निलंबित आईएएस रानू साहू के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की थी. उनके साथ ही समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था. तीनों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था।
क्या है छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला
ईडी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में करीब 500 करोड़ रुपये का कोयला घोटाला हुआ है. इस मामले में कई कोयला व्यापारियों और अधिकारियों के नाम सामने आए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घोटाले के तहत 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली की गई है. ईडी ने जांच शुरू करते ही निलंबित आईएएस रानू साहू और सौम्या चौरसिया समेत कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया था।
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