रायपुर, 4 अगस्त 2024/ छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है। हरियाली अमावस्या को मनाया जाने वाला हरेली त्यौहार का छत्तीसगढ़ के जनजीवन में व्यापक प्रभाव देखा जा सकता है। हरेली के दिन किसान भाई नांगर (हल) एवं कृषि औजार की पूजा करते हैं, जो हमारे छत्तीसगढ की कृषि प्रधान संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो हरेली पर्व का महत्व धरती को हरा-भरा बनाये रखने के लिए पेड़-पौधे की महत्ता को भी प्रदर्शित करता है।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने “एक पेड़ मां के नाम” लगाने की अपील की है यह एक जन आंदोलन बन गया है । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आम नागरिकों से आव्हान किया है कि आओ हम सब धरती के श्रृंगार को हरा भरा बनाने हरेली के दिन अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करे।
[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]
[metaslider id="347522"]