छत्तीसगढ़ में अंधेरे में अस्पताल…. टॉर्च की रोशनी से इलाज …. बिजली गुल होने से फ्रीजर में रखी वैक्सीन खराब

बीजापुर,02 अगस्त 2024 । जिले के भोपालपटनम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति इन दिनों बदतर है। यहां लाइट गुल होने पर टॉर्च की रोशनी से डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीजों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है, जिसका वीडियो भी सामने आया है। अस्पताल में 2 जनरेटर भी लगे हैं, जो पिछले 2 साल से खराब पड़े हैं।

दरअसल, भोपालपटनम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाके के सैकड़ों गांव के ग्रामीण निर्भर हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से इलाका काफी बड़ा है। भोपालपटनम से महाराष्ट्र और आंध्र-तेलंगाना राज्यों की भी सीमा लगती है। कुछ गांव के ग्रामीण इलाज के लिए भोपालपटनम आते हैं। ऐसे में यहां के स्वास्थ्य केंद्र में ज्यादा लोड बढ़ता है। फिर भी स्थिति सुधारने विभाग दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।

यह भी पढ़ें : ‘छत्तीसगढ़ में भी लगातार कार्रवाई हो रही है’, राहुल के पोस्ट पर CM विष्णु देव साय का बड़ा बयान

भोपालपटनम के लोगों का कहना है कि इलाके में अक्सर बिजली गुल की समस्या बनी रहती है। बारिश के मौसम में सुबह से लेकर रात तक दर्जनों बार बिजली गुल हो जाती है, जो कई घंटों के बाद आती है। ऐसे में अस्पताल अंधेरे में रहता है। अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि लाइट गुल होने से फ्रीजर में रखी वैक्सीन खराब हो गई है,

जिससे काफी नुकसान झेलना पड़ा है। भोपालपटनम ब्लॉक के अंतर्गत सैकड़ों गांव आते हैं। यहां मौसमी बीमारी, प्रसव पीड़ा से जूझ रही माहिलाएं, IED की चपेट में आने से घायल ग्रामीण, सर्प दंश जैसे केस ज्यादा आते हैं। मानसून में हर दिन करीब 80 से 120 की ओपीडी रहती है। ये संख्या 150 के पार भी पहुंचती है।

BMO बोले- व्यवस्था सुधारने की कोशिश जारी
इस संबंध में जब BMO चलपति राव से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि व्यवस्था सुधर जाए। इनवर्टर लाया गया है, लेकिन इंस्टॉल नहीं हुआ है। वायरिंग काम बचा है।

जब उनसे पूछा गया कि आखिर ये काम क्यों नहीं हुआ तो उन्होंने जवाब देते कहा कि इस बारे में CMHO से भी बात कर लीजिए, वो बता पाएंगे।प्राथमिक उपचार के लिए सबसे पहली व्यवस्था वाला यह पहला अस्पताल है, जिसके बाद यहां से मरीजों को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा जाता है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]