कई जगह से कोचिंग करने के बाद भी जब सिविल सर्विसेज का एग्जाम क्लियर नहीं कर पाई तो दिल्ली की एक महिला फर्जी आईएएस बन गई। उसने नकली डॉक्यूमेंट के सहारे खुद को मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की अडिशनल डायरेक्टर बना लिया। एक लाल, नीली बत्ती लगी कार का जुगाड़ किया, इस पर पदनाम भी लिखवाया। साथ ही कुछ लोगों की एक टीम भी खड़ी कर ली। इसके बाद मैडम ने जगह जगह रेड कर वसूली करना शुरू कर दिया। यह मामला गाजियाबाद का है I जहाँ कौशांबी में एक रेस्तरां में जब वह रेड करने पहुंची तो पुलिस ने उसे व उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया।
रेस्तरां संचालक ने की थी शिकायत
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र सिंह ने बताया कि कौशांबी थाने में एक रेस्तरां संचालक ने शिकायत दी थी। इसमें पहले रेड और बाद में 2 लाख रुपये की डिमांड के संबंध में सूचना दी गई थी। 20 हज़ार रुपये ले भी लिए गए। उन्होंने बताया कि रेड करने वाली महिला खुद को आईएएस अधिकारी बता रही है। इस शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर टीम को जांच में लगाया गया। यहां इस मामले में एक फर्जी आईएएस अधिकारी कोमल तनेजा समेत उनके साथी अमित कुमार, अमित शर्मा और ड्राइवर तिजारिफ को गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से एक फर्जी जॉइनिंग लेटर, आईडी कार्ड, लाल नीली बत्ती लगी कार और 15 हज़ार रुपये बरामद किए गए हैं।
पुलिस वाले को ही दे डाली धमकी
सूचना के बाद पुलिस जब आरोपियों को पकड़ने पहुंची तो वहां महिला ने खुद को 2022 बेच की आईएएस अधिकारी बताया। इसके अलावा, वर्तमान पोस्टिंग मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स में बतौर अडिशनल डायरेक्टर बताई। साथ ही कार पर भी इस पद की प्लेट लगी थी। पुलिस ने जब पूछताछ की तो महिला ने उन्हें ही धमकाना धकाना शुरू कर दिया। उन्हें कहां-मैं मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स में अडिशनल डायरेक्टर हूं, तुम पर कार्रवाई हो जाएगी। इसके बाद उसने एक जॉइनिंग लेटर और आईडी कार्ड दिखाया। पुलिस ने जब उसे चेक किया तो वह फर्जी निकला। इसके बाद महिला और उसके साथियों को पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार, महिला ने जो जॉइनिंग लेटर दिखाया था, उसे काफी बेहतर तरीके से तैयार किया गया था। लेकिन जब टीम ने ऑनलाइन इसे चेक किया तो 2022 में कोमल तनेजा नाम की कोई आईएएस अधिकारी नहीं मिली। जिसके बाद यह सचाई सामने आई।
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि कोमल विकासपुरी दिल्ली की रहने वाली है। उसने बीएड की है। इसके साथ ही उसने कई नामी सिविल सर्विसेज की कोचिंग देने वाले संस्थानों से तैयारी की। इस दौरान उसने एग्जाम भी दिया, जो क्लियर नहीं हुआ। इसके बाद करीब एक साल से महिला अपने साथियों के साथ फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर यह काम शुरू किया।
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